कॉलेज की कुंवारी चूत

आज आपको अपने एक अपने सीनियर देसी लड़की की चुदाई सुनाने जा रहा हूँ | मैं उन दिनों मैंने इंजीनियरिंग कॉलेज के ३ वर्ष में था और वो दीदी चौथे वर्ष में थी| हॉट हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर आप मस्त अन्तर्वासना के कहानियां पढ़ सकते है.. desikahani2 padhiye hotindiansexstories.com par..

मैं तो उन दिनों अपने साथ की लड़कियों से भी बात नहीं करता था पर कुछ किताबों के चक्कर में उन दीदी से करनी पड़ गयी बात |

मैं जहाँ तक जानता हूँ उनके साथ कई लड़के दीदी पर मरते थे पर वो भी इतनी जल्दी किसी से पट भी नहीं रही थी |

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जब पहली बार मुलाक़ात हुई तो मैं उनके गोरों हाथों को छूने के लिए तडप रहा था और उनकी मध्ह्म हंसी पर तो मारा ही जाऊं |

देसी लड़की की चुदाई

desikahani2 kunwari chootबस अब शायद दीदी को भी मेरे अंदर कोई खूबी पसंद आ गयी और जबव भी मेरी क्लास खत्म होती तो वो मुझे मिल जाया करती …

बस ऐसे ही बतियाते हुए मेरे साथ बस स्टॉप तक चल दिया करती थी |

मैं रोज रात को उनके ही बारे में सोच कर अपने लंड को मसला करता था और जब मन हद्द से पार होने लगा तो एक दिन जब हम बस स्टॉप पर बात कर रहे थे..

मैंने उन्हें मेरे साथ कहीं घूमने जाने की बात कर दी |

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हम एक जगह किसी अनजाने इलाके में उतरे और ऐसी ही वहीँ पठार के इलाके में चलते हुए बात करने लगे ..

मैंने देखा की वहाँ दूर दूर तक सन्नाटा ही था और कहीं था भी नहीं |

हम वहीँ बैठकर बात करने लगे और मेरा रोमांस का कीड़ा भी जागने लगा |

हम बातों में मग्न हो रहे थे ..

मैं अपनी उँगलियाँ उनकी जाँघों पर लहराने लगा |

अब दीदी भी रोमांस के परवान चढ गयी ..

हम एक दूसरे को चुमते हुए बेसबर हो गए |

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मैंने दीदी के टॉप के अंदर हाथ डाल चुचों को दबाने लगा |

मैं अब पूरी तरह तन गया और उन देसी लड़की, दीदी टॉप को उतार दिया और उनके चुचों को मुंह से पीने लगा |

चुदाई का मन अब जोर देने लगा तो मैंने उनकी पैंट को उतार दिया..

और उनकी चुत में ऊँगली करने लगा जिसपर वो बार गरम हो उठी थी…

बिलकुल चुदाई के लिए तैयार!!

अब मैंने अपने लंड को देसी लड़की की चुत का रास्ता दिखा दिया था…

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जसिमें मेरा लंड बिना रोके बस चुदाई की छप्प – छप्प आवाजें निकाले जा रहा था |

हमें अब कामुकता का असली मज़ा आ रहा था |

मैंने अब दीदी को अपने उप्पर बिठा लिया और नीचे से अपने लंड को देने लगा जिससे हम अब खूब मज़े में सिंहर रहे थे |

मैं दीदी की चुत से में दुब चूका था और अपने लंड के आखिरी के झटकों में वहीँ चुत मुहाने पर मसलने लगा और सारा मुठ का मुठ निकल पड़ा |

दीदी अब भी गहरी लंबी सांसें भारती हुई अपनी मद्धम नज़रों से मुझ पर प्यार बरसा रही थी …

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और मुझे भी चुदाई का गर्व महसूस हो रहा था की मैंने एक जवान गोरी चुत मारी जिसे कोई पटाने के बारे में भी नहीं सोच पा रहा था |