राजेश ने संचिता की जबरदस्त चुदाई

संचीता की भी हालत वैसी ही थी और वो भी हांफ रही थी. 1-2 मिनट रुककर वो उठा और मेडम से बोला कि संचीता अब पीछे से आ जाओ, तो वो उठी और बिस्तर पर कुत्तिया बन गई और वो खड़ा होकर मेडम की गांड पर झुका और संचीता की चूत में लंड घुसा दिया. में उसको साईड से देख रहा था तो मुझे मेडम की चूत में लंड आता जाता नहीं दिख रहा था. वो झुककर मेडम की गांड पर हाथ जमाकर धक्के लगाने लगा. sex chudaiइस बार जब जब लंड संचीता की चूत में अंदर जाता तो मुझे पच पच की आवाज़ सुनाई देने लगी, वो जब धक्का देता तो मेडम की बड़ी बड़ी चूची आगे पीछे हो रही थी. संचीता मेडम मस्ती से आँख बंद कर सिसकारी लेती हुई उससे कुछ बोलती थी, जो कि मुझे सुनाई नहीं दे रहा था. राकेश अब थोड़ा और संचीता के ऊपर झुक गया था और मेडम की लटकी हुई चूची को पकड़कर उसको चोदता रहा.जब उसका बेलेन्स समाप्त होने लगा तो वो संचीता की गांड के पीछे कुत्ता बनकर बैठ गया और दोनों हाथ से मेडम की गांड को साईड से पकड़कर उसकी चूत चोदता रहा. संचीता को कुत्तिया बनाकर राकेश बहुत देर तक चोदता रहा. फिर अचानक से वो बोला कि मेडम अब आपकी गांड मारूँगा.इतना सुनते ही मेडम उससे अलग हो गई और बोली नहीं बहुत दर्द होता है संचीता इनकार करते हुए बोली कि आपका लंड ज़्यादा मोटा है, तो वो बोला कि हाँ मेरे जैसा लंड बहुत कम लोगों का ही होता है. फिर संचीता बोली कि तभी तो आपको जब उस दिन पेशाब करते देखा और आपका लंड देखा,में हैरान रह गई थी कि हमारे यहाँ भी मर्दो का सामान ऐसा होता है और मैंने उसी दिन सोच लिया था कि एक दिन इस सामान से मज़ा ज़रूर लूँगी. अच्छा कोई बात नहीं संचीता रानी, किसी और दिन गांड मार लूँगा, अभी चूत तो मारने दो, मेडम बोली कि तो मारो ना जितना मार सकते है मारो, उसके लिए में हमेशा तैयार हूँ.Moti gaand – लंड ने मेरी चूत की झिल्ली को उखाड़ फेंकायह कहती हुई मेडम सीधी लेट गई और उसने मेडम के पैर को खोलकर लंड डालकर उसकी चूची को पकड़ा और दबाते हुए मेडम की चूत पेलने लगा. संचीता उुउऊहह आआईईईइ हहाई आपके जैसा मज़ा किसी ने नहीं दिया मुझे आज तक अहह्ह्ह चोदो मुझे, ज़ोर ज़ोर से चोदो, मेरी चूत की सारी गर्मी निकाल दीजिये, आहह बड़ा मज़ा रहा है.अब वो शायद लास्ट स्टेज में आ चुका था. sex chudaiराकेश अब संचीता मेडम के ऊपर लेटा और दोनों हाथ मेडम की गांड के नीचे रखकर नीचे से मेडम की गांड को पकड़ लिया. उसके ऐसा करते ही संचीता मेडम ने अपने दोनों पैर उठाकर हवा में खोल दिये. राकेश संचीता की चूची को मुँह से रगड़ते हुए घोड़े जैसी स्पीड से संचीता को पेलने लगा.मेडम उससे कसकर लिपटी हुई थी, आहह में झड़ने वाली हूँ. राकेश भी हाफते हुए बोला कि हाँ अब मेरा भी निकलेगा संचीता. उन दोनों को उस स्टाईल से चुदते देख मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे दो पहलवान कुश्ती लड़ रहे हो और एक दूसरे को हरा देना चाहते हो. तभी राकेश ने अपना हाथ संचीता मेडम की गांड के नीचे से निकाला और मेडम को कंधे से पकड़ लिया और जोर से धक्का मारने लगा और ज़ोर ज़ोर से हाँफते हुए मेडम से चिपक गया.संचीता भी ज़ोर से सीसीयाई अहहहहहाः और राकेश को कसकर पकड़ लिया. दोनों एक साथ झड़ रहे थे और संचीता ने अभी भी अपने दोनों पैर हवा में उठा रखे थे, जिसको उसने कुछ देर के बाद बिस्तर पर रखे और लगभग दस मिनट तक दोनों एक दूसरे से उसी तरह लिपटे रहे.फिर संचीता मेडम उसकी गांड पर हाथ मारकर बोली कि उठो ना अब, राकेश उठा और संचीता भी उठकर बैठी हो गई और नाईटी से अपनी चूत साफ करने लगी. फिर उसने घड़ी देखी और बोली कि अब आप जाइये, 4 बजने वाले है.मैंने भी टाईम देखा तो 3:40 हो रहा था. sex chudaiमतलब कि लगभग 1:30 घंटे तक चुदाई का खेल चला. राकेश कपड़े पहनने लगा और संचीता ने भी अपनी नाईटी पहन ली. राकेश बोला कि अब कब आना है? संचीता बोली कि में बाद में बता दूँगी, अब जल्दी से निकलो आप. फिर में वहां से हटा और अपने रूम में आ गया. मैंने भी संचीता मेडम को चुदते देखा तो मैंने भी अपना पानी निकाल डाला, जिससे में थक गया और चुपचाप सो गया.