Sex with Bhabhi – गरम भाभी की मोटी चूत (Antarvasna)

मुझको अकेले रहने में कोई परेशानी नहीं होती, क्योंकि मैंने बीते समय में बहुत सारा वक्त घर और हॉस्टल में अकेले रहते हुए व्यतीत किया था और मुझको गृहकार्यों में पूरी महारत हासिल थी। sex with bhabhiरविवार को पूरा परिवार मुझको घर का ख्याल रखने का कहकर यात्रा के लिए चल दिया।सोमवार को मैं एक दोस्त की बहन की शादी में था कि मुझको मेरी मौसी (मेरी मम्मी की बड़ी बहन) की कॉल आई।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesमेरे रिजल्ट के बारे में पूछने के बाद वे मुझे कहने लगीं- अगले दो दिन तुम हमारे साथ रहो, तुम्हारी भूमि भाभी को अपने मायके जाना है।मैंने मौसी को कहा- जी मौसीजी, मैं शाम तक पहुँच जाऊँगा।मेरी मौसी मेरे घर से 8 किलोमीटर की दूरी पर अपने मकान में रहती थीं।उनके तीन बच्चों में से उनके दो बेटे थे जो विदेश में रहते थे और एक बेटी थी जिसकी शादी हो चुकी थी।मेरे मौसा जी का देहांत 2005 में हो चुका था। मेरी मौसी जी अब अपनी पुत्रवधू के साथ रहती थीं।उन सास बहु में टीवी सीरियल की तरह की तरह की कोई अनबन नहीं थी।यहाँ मैं आपको अपने मौसेरे भाई की बीवी यानि मेरी भाभी के बारे में बताना चाहता हूँ, उनका नाम भूमि है।मैं उनकी फिगर के बारे में नहीं जानता, परन्तु यह कहानी आपको उनके बारे में सब बता देगी।फिर भी आपको अंदाज देने के लिए बताने चाहूँगा कि वे बॉलीवुड की एक्ट्रेस सुष्मिता सेन जैसी दिखती थीं।वे एक पढ़ी लिखी महिला हैं जिन्होंने अपनी सासू माँ की देखभाल के लिए अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesमैं उनका इस बात के लिए बहुत सम्मान करता था कि उन्होंने एक बहादुर फैसला करते हुए अपने परिवार के लिए अपनी नौकरी को कुर्बान कर दिया।मैं उन्हें दीदी कहकर बुलाता था क्योंकि वे भी मुझको अपने छोटे भाई की तरह मानती थी क्योंकि उनका एक मेरी उम्र का एक भाई भी था।मैंने अपनी मम्मी को बहुत बार कहा था कि मैं भी भूमि जैसी पत्नी चाहता हूँ ताकि मेरे घर में उनके घर जैसी शांति रहे और सास बहु वाला ड्रामा न हो।अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।यह उस दिन की बात है जिस दिन भूमि दीदी को उनके पिता के अस्पताल में भर्ती होने की वजह से उनकी मिजाज पुरसी के लिए अपने मायके जाना पड़ा।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesइस कारण मेरी मौसी घर में अकेली रह गई थीं, और जिस वजह से उन्होंने मुझे अपने घर बुला लिया।सोमवार की दोपहर के बाद में मौसी के घर पहुँच गया और भूमि दीदी अपने 18 माह के बच्चे के साथ मेरा इंतज़ार कर रही थी कि जब मैं वहाँ पहुँचूँ तो वो रवाना हो सकें।मेरे जाते ही वो मुझको घर में आम सावधानियों के बारे में बताने लगीं।मैं यह सुन कर मुस्कराने लगा, मैंने उन्हें बताया कि इन सबके बारे में मुझको पूरी तरह पता है।इसके बाद वो मुझको मौसी की दवाई के बारे में बताने लगीं।भूमि दीदी ने मुझे कहा कि वो दो दिन बाद लौट आयेंगी और फिर तुम अपने घर जा सकते हो।मैं उनसे पूरी तरह सहमत था।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesरात को खाने खाने के बाद मैं और मौसी बातें करने लगे।मौसी मुझसे मेरे भविष्य के बारे में पूछने लगीं।मैंने उन्हें बताया कि मैं नौकरी की तलाश मैं हूँ।उन्होंने कहा कि वो अपने विदेश में रहते बेटों से मेरी नौकरी की बात करेंगी।फिर वो कहने लगीं कि वो भूमि को अपनी बेटी से ज्यादा प्यार करती हैं।मैंने उनसे अपनी सहमति जताई और कहा- आप बड़ी भाग्यशाली हो कि आपको भूमि दीदी जैसी पुत्रवधू मिली।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesउस घर में नीचे और ऊपर की मंजिल पर दो दो बेडरूम थे। ऊपर के दोनों बेडरूम बिल्कुल खाली और धूल से अटे पड़े थे इसलिए मौसी ने मुझे भूमि दीदी के बेडरूम में सोने को कहा।यह मेरी जिंदगी का पहला मौका था जब में अपनी मम्मी के अलावा किसी स्त्री के बेडरूम में सोने जा रहा था।बेड शीट से उठने वाली मादक सुगंध मुझको पागल किये जा रही थी और मेरे मन में तरह तरह के ख्याल आ रहे थे।मैंने अपने आप पर काबू पाने की कोशिश की क्योंकि मैं भूमि दीदी की बहुत इज्ज़त करता था।अगली सवेरे मैंने मौसी को कहा- मैं अपने घर पेड़ पौधों को पानी देने जा रहा हूँ और दोपहर होते ही लौट आऊँगा।ऐसे ही दो दिन बीत गए और मैं भूमि दीदी का इंतज़ार कर रहा था कि कब भूमि दीदी आएँ और कब मैं अपने घर जाऊँ।ट्रैफिक के कारण भूमि दीदी को आने में देर हो गई और रात करीब 7.30 बजे वे घर पहुँची।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesमैं बहुत जल्दी में था और उनके आते ही मैंने उन्हें कहा- मैं जा रहा हूँ।मेरी बात सुन कर वो बहुत हैरान हुईं, कहने लगीं- तुम वहाँ अकेले हो और वहाँ खाना बनाने वाला भी कोई नहीं है।भूमि दीदी ने मुझे कहा- आज रात यहीं रुक जाओ, सुबह जल्दी चले जाना।मौसी ने भी भूमि की हाँ में हाँ मिलाई और मुझे घर जाने के लिए मना कर दिया।आखिर में मुझे मानना ही पड़ा और मैं बेमन से बैठ गया।भूमि दीदी ने अपने कपड़े बदले, बच्चे को पालने में बिठाया और रसोई में खाना बनाने के लिए चली गईं।भूमि दीदी ने नीले रंग की नाइटी पहनी हुई थी।जब वो रसोई में घुसीं तो यह देख कर काफी हैरान हुई कि वस्तु अपनी जगह पर टिकी हुई थी और रसोई पूरी तरह साफ़ सुथरी थी।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesउन्होंने मुझे बुलाया और पूछने लगी- यह सब किसने किया है?मैंने उन्हें बताया कि टीवी देखने के बाद मेरे मन में आया कि कुछ काम किया जाये तो मैं घर के काम काज में लग गया।यह सुन कर भूमि दीदी ने मेरी पीठ थपथपाई और कहने लगीं- तेरी पत्नी बड़ी भाग्यशाली होगी जो उसको तेरे जैसा पति मिलेगा।भूमि दीदी ने कहा- खाना बनने में आधा घंटा लग जायेगा, तब तक तुम फ्रेश हो लो। तब तक तुम आराम कर लो।मुझे इस समय टीवी देखने में कोई दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि यह समय टीवी सीरीयल्ज़ का था और मैं यह सब देखता नहीं।इसलिए मैं रसोई में खड़ा होकर दीदी को काम करते हुए देखने लगा और उनके परिवार के बारे में पूछने लगा।उन्होंने पूछा- आजकल तुम कर क्या रहे हो?Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesतो मैंने उत्तर दिया- कुछ खास नहीं।अगले आधे घंटे तक हम अलग अलग विषयों पर चर्चा करते रहे।यह मेरी जिंदगी का पहला मौका था कि जब मैं किसी स्त्री के साथ इतने लम्बे समय तक बात कर रहा था।मैंने महसूस किया कि स्त्री को प्रभावित करना कोई खास बात नहीं होती, बस स्त्री को यह लगना चाहिए कि आप उसकी बात ध्यान से सुन रहे हो और उसका ख्याल रख रहे हो।फिर हमने डिनर किया और बातों में मशगूल हो गए।मैं धीरे धीरे सहज हो रहा था और बात करते करते चुटकले भी सुना रहा था।सोने के समय यह मुश्किल आई कि मुझे सुलाया कहाँ जाये।मैंने कहा कि मैं ऊपर की मंजिल पर बने एक बेडरूम में सो जाऊँगा।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesमौसी कहने लगी- वो कमरे तो धूल से भरे पड़े हैं।भूमि दीदी ने कहा कि वो बहुत थक चुकी हैं और उनमें अब इतनी शक्ति नहीं कि वो इस समय कमरे को साफ़ कर सकें।उन्होंने मुझे सुझाव दिया कि मैं उनके कमरे में उनके बेड पर सो जाऊँ और वे बच्चे के पालने के पास नीचे फर्श पर सो जाएँगी।मैंने उन्हें कहा- नहीं फर्श पर मैं सो जाऊँगा।तो उन्होंने कहा- तुम हमारे मेहमान हो और हम तुम्हें फर्श पर सोने नहीं दे सकते।मौसी ने भी दीदी की बात का समर्थन किया।इसके बाद दीदी ने मुझे कहा- तुम जाकर सो जाओ, मैं बर्तन साफ़ करके सो जाऊँगी।मैं बेड पर लेट तो गया पर मुझे नींद नहीं आ रही थी।यह पहली बार था कि मैं किसी स्त्री के कमरे में उसके होते हुए सो रहा था।मेरे मन में बुरे ख्याल आने लगे पर मैं अपने आप पर काबू पाने की कोशिश कर रहा था।Bookmark us for Sex with Bhabhi storiesजल्दी ही भूमि दीदी ने दरवाजा खोला और कमरे में दाखिल हो गईं।आते ही औपचारिक तौर पर उन्होंने पूछा- क्या तुम सो गये?मैंने कोई जवाब नहीं दिया और ऐसा प्रकट करने लगा कि मैं गहरी नींद में हूँ।इसके बाद उन्होंने तौलिया लिया और नहाने के लिए बेडरूम के साथ ही बने बाथरूम में घुस गईं।पानी के गिरने की आवाज़ मुझे पागल कर रही थी। मैंने उनके नग्न शरीर पर पानी बहने की कल्पना करने की कोशिश की और सोचने लगा कि अगर मैं पानी होता तो इस समय उनके शरीर पर बह रहा होता।