Sex Hindi – कविता की रसीली चुत (Free XXX Sex Kahani)

एक लड़की मेरी मित्र थी, जिसका नाम कविता था। वो लड़की अभी कॉलेज में पढ़ती है और मेरी उससे दोस्ती मेरी एक रिश्तेदार की बेटी की वजह से हुई जिससे कि मेरी अच्छी तरह पटती थी। वो एक छोटे कद की लड़की थी, उसकी लम्बाई कोई 5 फुट थी और उसका फिगर कोई 30-26-32 होगा। वो दिखने में ठीक तो थी, पर उसके दांत थोड़े से ख़राब थे। sex hindiहम अक्सर मिला करते थे, कभी होटल में कभी चाय की दुकान पर या कभी कभी कोचिंग पर मिला करते थे।Bookmark for more Sex Hindiएक बार फ़ोन करके उसने मुझे अपने घर बुलाया जो कि एक चौराहे के पास पड़ता था। छोटा सा घर था, उसके मम्मी पापा कुछ काम से बाहर गए हुए थे। चूंकि मैंने सारा शहर देखा हुआ था तो मुझे उसका घर ढूँढने में ज्यादा दिक्कत नहीं आई।जैसे ही मैं उसके घर पहुँचा तो उसने दरवाजा खोला और मुस्कुरा कर मेरा स्वागत किया। वो उस दिन जीन्स और टी-शर्ट पहने हुई थी। सफ़ेद रंग की टी-शर्ट और गहरे नीले रंग की जीन्स जो कि एकदम शरीर से चिपकी हुई थी। इस तरह के कपड़ों में कविता क़यामत ढा रही थी। हालाँकि देखने में वो ज्यादा अच्छी नहीं थी पर वो फिर भी ठीक लग रही थी।खैर… मुझसे बैठने के लिए बोलने के बाद वो मेरे लिए पानी लाई और चाय बनाने की कहकर चली गई और मैंने पानी पीने के बाद उसके घर को देख रहा था लेकिन वो मुझे ज्यादा अच्छा नहीं लगा क्योंकि वो किराये के मकान में रहती है। इतनी देर में वो मेरे लिए चाय और नाश्ता लाई और हम दोनों ने चाय पीने के दौरान कुछ इधर-उधर की बातें की और चाय खत्म होने के बाद वो मुझे फ्रेश होने की बोलकर चली गई।Bookmark for more Sex Hindiजब वो चली गई तो मैंने भी पास में रखे उसके कंप्यूटर को चालू किया और उसमे कुछ फाइलें ढूँढने लग गया और इत्तफाक से मुझे उसके कंप्यूटर में एक ब्लू-फिल्म मिल गई, जो कि मैंने चालू कर दी और मैं देखने में इतना मग्न हो गया कि मुझे पता ही नहीं चला कि कविता कब मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई और वो भी मूवी को दखने लग गई।वो देखते ही देखते अपने 32 साइज़ के मम्मे दबाने लग गई और उसके मुँह से कामुक आवाज निकलने लगीं। जब मैंने ‘सिसिसिसीईइ’ की आवाज सुनी और पीछे मुड़कर देखा तो कविता मेरे पीछे एक गाउन में खड़ी थी, जो कि बिल्कुल पारदर्शी था। जिसमें से उसकी ब्रा और पैन्टी साफ़ दिखाई दे रहे थे और मेरे मुड़ते ही उसने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए और हम दोनों की साँसें तेज़ हो गईं।Bookmark for more Sex Hindiकरीब 5 मिनट तक चुम्बन करने के बाद वो मुझे अपने पापा-मम्मी के कमरे में ले गई और मुझे बिस्तर पर लिटा कर वो खुद मेरे ऊपर लेट गई और मुझे ताबड़तोड़ चूमने लगी और फिर मैंने भी उसे बेहताशा चुम्बन किए और उसके गाउन के ऊपर से ही उसके मम्मे दबाने लगा। वो और गर्म होती जा रही थी और उसकी गर्म-गर्म साँसों से मेरा लण्ड भी खड़ा होकर 6” का हो गया था।फिर मैं थोडा संभला और उसका गाउन उतारा तो देखा कि वो सुर्ख लाल रंग की ब्रा और पैन्टी पहने हुए थी और उसके मम्मे कबूतरों की मानिंद उसकी ब्रा में फड़फड़ा रहे थे।मैंने जैसे ही उसकी ब्रा को खोला किया तो उसके दोनों मम्मे आज़ाद पंछी की तरह उड़ कर मेरे हाथों में आ गए। मैं उन्हें देखकर एक बच्चे की तरह चूसने लगा। बारी-बारी से कभी एक को चूसता तो एक को मसलता।ये क्रम लगभग 5 मिनट चला और उसके बाद उसके पूरे बदन को चूसने के बाद मेरा मुँह उसके पैन्टी पर आकर रूक गया और एक ही झटके में मैंने उसकी पैन्टी उसकी टांगों से अलग कर दी।Bookmark for more Sex Hindiमैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल सफाचट है और जैसे ही मैंने उसकी चूत के होंठों पर अपना मुँह रखा तो उसके मुँह से एक ‘सिसकारी’ निकल गई और ‘आआआऔऊऊउईईईई’ की आवाजें निकलने लगीं।वह मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और कुछ बड़बड़ाने लगी ‘प्लीज़ मत..करो..र..र..उई..रे… र..र..!’पर मैं तो अपनी मस्ती में उसकी चूत चाटने में लगा हुआ था। कुछ देर के बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गई और मैं अपने मुँह में वो रस लेकर उसके मुँह के पास गया और वो रस उसके मुँह में डाल दिया और वो उस रस को मस्ती में पी गई।अब उसकी बारी थी सो मैंने उससे कहा- मेरा लंड चूस..!Bookmark for more Sex Hindiतो पहले तो मना करने लगी, पर मेरे ज्यादा कहने पर उसने मेरा 6″ का लौड़ा हाथ में लेकर आगे-पीछे करने लगी और उसके बाद वो उसे मुँह में लेकर उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। उसने मेरे लंड की इतनी चुसाई की कि मेरा सारा माल निकाल दिया और अपने मुँह में लेकर सारा का सारा माल पी गई, उसने एक बूंद भी नहीं टपकने दी।मेरा माल निकलने के बाद में मैं लेट गया और उससे चिपक गया। थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लंड खड़ा होना शुरू हो गया और इस बार मैंने सीधे उसकी चूत के मुँह पर ही अपना लंड रखा और एक हल्का सा झटका दिया जिससे कि मेरा लंड अन्दर नहीं जा पाया और बाहर निकल गया।फिर कविता ने मेरे लंड को अपनी चूत के मुँह पर रखा और इस बार वो बोली- अब जोर लगा..!तो फिर मैंने एक जोरदार झटका दिया जिससे कि मेरा लगभग आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो चिल्लाई- उई माँ… मर गई!Bookmark for more Sex Hindiउसे दर्द होने की वजह से मैं थोड़ी देर रुक गया जब वो खुद कूल्हे उठा कर मेरा साथ देने लगी तो मैंने एक और झटका दिया, जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया।अब जोरों से चुदाई चालू हो गई और यह पारी हमने कम से कम 20 मिनट की खेली और आखिरी में हम दोनों एक साथ झड़ गए और हम दोनों का रस मिल कर कविता की चूत से बाहर निकलने लगा। चुदाई का यह खेल खेलने के बाद हम बहुत थक चुके थे, तो हम एक-दूसरे के पास निढाल होकर गिर गए और जब हमारी आँख खुली तो देखा कि शाम के पांच बज चुके हैं।हम उठे, फिर कविता ने अपना बिस्तर की चादर साफ़ की।Bookmark for more Sex Hindiइसके बाद तो जैसे यह सिलसिला ही बन गया था। हम तक जब भी मौका मिलता तो उस पर चौका ज़रूर लगाते। फिर कुछ दिन बाद कविता ने मुझे उसकी एक और सहेली से मिलवाया जिसका नाम कि ज्योत्सना है।मेरी और ज्योत्सना की चुदाई कहानी बाद में फिर कभी लिखूँगा, पहले आप यह बताओ कि आपको यह कहानी कैसी लगी, यह एक सच्ची घटना है।