Sachi Kahani Sex > पहली चूत चुदाई का नशा (अंतिम भाग)

नमस्कार दोस्तो, फिर एक बार मैं राजेश आप के लिये नयी कहानी लेके आया हु. मुझे बहुत सारे मेल मिले आप लोगोने मेरी कहानी की सराहना की उसके लिये आप सभी का धन्यवाद. आप मेरी पहली सभी कहानिया पढे तभी आप को पुरी स्टोरी समज आयेगी. यह कहानी पहली चुदाई का नशा sachi sex kahani का आखरी भाग है.तो चलीये कहानी पे आते है……बुधवार की सुबह ही मे पुना जाने के लिये गाव के बस स्टॉप पे आ गया मेरे साथ रेखा भी मुझे छोडने आ गयी. हमारे पहले ही अंजली वहा पे पहले से खडी थी. ऊन दोनो ने मुझे अगले हफ्ते आने को कहा. मेने भी आता हु कह कर लाल डिब्बे मे बैठ गया. देड घंटे बाद मैं पुणे पहोच गया. बस स्टॉप से मैं चलतेही घरकी तरफ निकला. सुबह के करिब 10 बजे होंगे. मे चलते चलते घर जाते समय मुझे पल्लवी मेडिकल दुकान खोलते हुवे नजर आई. उसने भी मुझे देखा और आवाज दी; अरे राज कहा से आ रहे हो सुबह सुबह. मैं ने उसे कहा शनिवार को गाव गया था , अब लोट रहा हु. पल्लवी बोली, लंबी छुट्टी लेकरं गया था, तभी मे सोचू तू कुछ दिनसे किधर दिखा नही. ‘तेरी एक चक्कर तो यंहा से होती ही है. खैर छोडो तुम घर जाकर 12 बजेतक यंहा आ जाना तुझसे कुछ काम है. मैं बोला ठीक है आ जाऊगा.Sachi sex kahani xxx story padhne ke liye bookmark kare!मैं घर पोहच गया. घरपर कोई नही था. मे फ्रेश होकर tv देखणे लगा. Tv देखते कब 12 बजे समज ही नही आया. तभी मुझे याद आया की पल्लवी ने मुझे 12 बजे बुलाया है. मैने भी घरको ताला लगाया और सायकल लेकरं निकल पडा. पाच मिनिटं बाद मे मेडिकल के पास पोहच गया. पर मेडिकल बंद था. मेने सोचा शायद पल्लवी घर गयी है. मेने सायकल लगा कर उसके घर के तरफ गया. दरवाजा बंद था तो मैने दरवाजा खट खटाया. दरवाजा खुला तो सामने पल्लवी के मेडिकल मे काम करने वाली लंडकी थी. मेने पुछा पल्लवी मॅडम है, तभी अंदर से पल्लवी की आवाज आई , अरे राज तुम आ गये अंदर आ जाओ. मे अंदर जाकर सोफे पे बैठ गया. ऊस लंडकी ने मुझे ग्लास मे पाणी लाके दिया. वह लंडकी करिब 18-19 की उमर की होगी , छोटे छोटे उसके आम कुर्ते के उपर मानो मस्त आकार लिये थे, मध्यम शरीर की वह लंडकी दिख रही थी.सावले रंग की, पर मादक लग रही थी.ग्लास मे पाणी देते समय उसके हाथ का स्पर्श मेरे हाथ को हो गया. वो शरमाते हुवे अंदर चली गयी. कुछ समय बाद पल्लवी और वो दोनो साथ मे बाहर आई. ऊस लंडकी के हाथ मैं कोल्ड्रिंक से भरे ग्लास का ट्रे था. उसने मुझे एक ग्लास दिया. और वो दोनो ने एक एक ग्लास ले के सोफे पै बैठ गये. पल्लवी मेरे बाजू मे ही बैठ गयी. पल्लवी बोली, राज इससे मिलो यह है दिव्या और दिव्या यह है राज. हम दोनो ने एक दुसरे को हॅलो कहा. करिब दस मिनिट हम इधर उधर की बाते कर रहे थे. मेने पल्लवी से पुछा मॅडम मेरे से आप को क्या काम था जो मुझे बुलाया था. पल्लवी ने कहा काम तो मुझे नही इस दिव्या को है. मे ने कहा बोलीये दिव्या जी; क्या काम है. दिव्या शर्मा के अंदर भाग गयी. मेने पल्लवी से कहा इसे क्या हुवा. तभी पल्लवी मुझे बोली , राज मेने तेरे लिये उसे पटाया है ,तेरे लिये समज झुगाड किया है. तुने मेरे लिये इतना किया तो मेरा फर्ज बनता है ना तेरे लिये कुछ करू. ऊस लंडकी के बारे मैं मेरे मन मैं कुछ नही था पर पल्लवी के बातो से मेरे मन मैं लाड्डू फूट गये. मेने पल्लवी से पुछ लिया याने उसके साथ…. पल्लवी बोली हा.पल्लवी मेरा हाथ पकडकर मुझे बेडरूम मे ले गयी. दिव्या वहा पर बेड पर बैठी हुवी थी. मुझे देखकर दिव्या शर्मा गई. उसके शर्मानेके तरिकेसे मैं पुरा पाणी पाणी हो गया. पल्लवी ने दिव्या से कहा दिव्या चलो आज जैसे तय हो गया था वैसे ही आज तुम्हे चुदाई का खेल सिखा दुगी. राज तुम्हे बताने की जरूरत नही की क्या करना है. मैने भी पल्लवी से कहा इसे तो मैं खेल मैं मास्टर बना दूगा. मैने दिव्या से कहा तुम तैयार हो ना. दिव्या ने भी अपना सर हिला का अपनी सहमती दि. मैं दिव्या के पास जाकर बैठ गया. पल्लवी हमारे सामने खर्ची पर बैठ गयी. दिव्या बहोत शर्मा रही थी. मेने पुरी फिल्मी तरिके से उसका चेहरा मेरी तरफ घुमाया. पर उसकी आखे झुकी हुवी थी. आराम से मेने मेरे होठं उसके होटो पे रखे. वो सिहुर उठी.Moti gand wali aunty ko sachi me sex kahani bahut pasand aati hai!मैं उसके होटो को बडी आराम से किस कर रहा था. कुछ ही देर मैं दिव्या ने भी अपने होट खोल दिये और वो मेरा साथ देने लगी. हमारे होठं एकदुसरे मे समा गये. हमारी जुबाने एकदूसरे के मुं मे घुस एक दुसरे को चुसने लगी. मेरा हाथ अब दिव्या के पुरे बदन को सहला रहा था. दिव्या मेरा सर पकड कर मेरे होटो को बेतहाशा चुस रही थी. मेरा हाथ अब उसके संत्रे जैसे बुब पर गये , मैने उनको हलके से दबाया. आहाआआय ऐसी आवाज के साथ दिव्या की मादक सिसकी निकल पडी. पल्लवी सामने बैठे हमारी काम क्रीडा देख रही थी. वो भी अपनी उत्तेजना को कंट्रोल नही कर पाई वो भी हमारे पास आ गई और मुझे पकडकर बेताहाशा चुंमने लगी. अब मैं दुविधा मनस्तीती मैं पढ गया. मैने पल्लवी से कहा पल्लवी डॉक्टर ने तूम्हे कुछ दिन के लिये मना किया है ना? पल्लवी बोली सेक्स नही लेकींन उपर का मजा तो ले सक्ती हु. मैने भी आगे जादा कुछ बोला नही.अब मैने दिव्या के कपडे उतारना चालू किये, जैसे ही ऊसका टॉप उतारा तो संत्रे जैसे उसके उभरे बुब मेरे सामने नंगे हो गये.उसने ब्रा नही पेहनी थी. नीचेसे पल्लवी ने मेरी पॅन्ट उतार दि और साथ मे अंडरवियर भी. उपर दिव्या ने भी मेरा टी शर्ट को उतार दिया. मैं अब दिव्या के बुब के उपर तूट पडा. जैसे ही मेने उसके छोटे निप्पल पर जुबान घुमाई दिव्या ने पुरे आगोश मे मेरा सर पकड कर प्यारी मादक सिसकी भरी. उसकी आवाज पुरी रम मैं गुंज पडी. दिव्या की सिसकीया इतनी कामुक थी की मेरा जोश और बढ जाता. नीचेसे पल्लवी ने मेरा लंड मु मैं भर लिया और चुसने लगी. आज मैं सातवे आसमान मैं था. इतनी चुदाई की इन दिनो मैं, लेकींन ऊस दिन मुझे कुछ अलग ही फील हो रहा था. पल्लवी की चुसाई से मेरे लंड मैं मानो बिजली दोड रही थी.उपर मैं दिव्या के बुब दबा और चुस रहा था. अब मैने दिव्या की सलवार उतार दी. पल्लवी ने भी अपने कपडे उतार पुरी नंगी हो गयी. मैने अब दिव्या के पेट पर किस करणे लगा जैसे जैसे मे किस कर नीचे आ रहा था वैसे दिव्या का जोश भी बढा जा रहा था. पल्लवी उपर आकर दिव्या के बुब दबाने लगी. और चुसने लगी. मे नीचे दिव्या के जांघो को किस कर उसके चुत पर हाथ घुमाया. उसकी चुत पुरी गिली हो गयी थी. चुत मस्त चिकणी दिख रही थी शायद उसने आज ही बाल निकाले थे.चुतमेसे हलकी मेहेक ने मुझे मदहोश कर दिया. जैसे ही मैने अपनी जुबान उसकी चुत के दाने पर लगाई उसने अपने कुल्हे उठा लिये और मेरा सर चुत पे दबा दिया. मैने भी अब उसकी चुत चाट कर अपनी जुबान उसकी चुत मैं डाल कर उसकी चुत को चोदने लगा.Sachi indiansexstories sex kahani padhiye mere maa ki chudai wali!दिव्या जोर से सिसकीया लेने लगी और नीचे से कुल्हे उठा उठा कर मेरे सर को चुत पे दबाने लगी.करिब पाच मिनिटं चुत और जुबान के खेल मैं दिव्या का शरीर अकडणे लगा वो जोर से चिख पडी अआहाआआआआआआआ….. अअअअ…..म्म्मम्म्मम्म ..और उसने उसका पाणी छोड दिया. मेरा पुरा मु , नाक उसके काम रस से भर गया. मैने मेरा मु उसकी सलवार से पोछ दिया. दिव्या अब निपचित लेटी थी. अब मैने दिव्या से मेरा लंड मु मे लेनेको कहा. पर वो ना बोलणे लगी. पल्लवी ने उसे समझांया. की सेक्स मे तो ये सब जायज है. तब जाकर उसने मेरा लंड मु मे लेने को राजी हुवी. जैसे ही उसने लंड मु मैं लिया और चुसने लगी मुझे बहोत मजा आने लगा. पाच मिनिटं बाद मैने उसे उठा कर बेड पर लिटा दिया. उसकी चुतमे जुबान डाल चुसने लगा. पल्लवी उपर उसके बुब चुसने लगी. करिब दो मिनिट मैं ही दिव्या गरम हो गयी. दोस्तो औरत को कभी भी बिना गरम किये चोदना नही चाहीये नही तो चुदाई का असली मजा नही आता.अब मैं उठा और दिव्या के दोनो पैरो के बीच आकार अपना लंड उसकी चुत के उपर घीसने लगा दिव्या अपने कुल्हे उठा कर उसको अंदर लेने की नाकाम कोशिश कर रही थी. मैं उसे तडपाना चाहता था. कुछ मिनिट मैं लंड खाली उसके चुत पे उपर नीचे कर रहा था. काम रस से उसकी चुत पुरी तरह गिली हो चुकी थी. दिव्या बोली, अब डालो भी कितना तडपाओ गे. मैने भी लंड सेट किया और धक्का दिया वैसे ही मेरा पुरा लंड अंदर गया. दिव्या को हलका दर्द हुवा. उसकी चुत टाईट थी मगर कुवारी नही थी ये मुझे समज आ गया. मैने पल्लवी से बोला अरे ये तुम्हारे खिलाडी ने तो पहलेसे खेल खेला हुवा है. दिव्या ने कहा मैं किसीं से चुदी नही हु अब तक, लेकींन गाजर मुली से काम चलाती थी इसवजह मेरी सील तुटी हुवी है. मेने भी जादा जोर नही दिया.मेने सोचा जाने दो ना चुत तो मिल रही है ना… मैने अब आराम आराम से लंड अंदर बाहर करना चालू किया. उसकी चुत टाईट थी और काम रस के वजह से लंड और चुत के घर्षण मैं मुझे और दिव्या को मजा आ रहा था. दिव्या बडी कामुक सिसकीया ले रही थी मैं भी बडे आराम आराम से लंड अंदर बाहर कर चुदाई का मजा ले रहा था. हमारी चुदाई की क्रीडा देख पल्लवी को रहा नही जा रहा था उसने भी खुद अपनी उंगलीसे चुत चोदने लगी. दिव्या मेरे पुरे बदन पे हाथ घुमाँकर मेरे होटो को चुसने लगी. हमारी दोनो की जुबाने एक दुसरे बारी बारी चुस रही थी. लंड चुत मैं अंदर बाहर हो रहा था.अब दिव्या अपनी चरम पर आ गयी थी. उसने जोर जोर से नीचेसे उछल कर चुदने लगी. अब मेने भी अपनी स्पीड बढा दि , ठप्प ठप्प पच पच आहा आहा आहा की आवाज पुरी रम मे गुंज रही थी , पल्लवी भी शायद चरम पर थी उसके मुसे भी आवाज निकलने लगी. इन मादक आवाजो से मे भी अब जादा उत्तेजित हो गया था. मे भी अब चरम पर आ गया. मे जोर जोर से लंड अंदर बाहर कर रहा था. पल्लवी मेरे सामने अपनी चुत मैं जोर जोर से उंगली कर रही थी. एक मिनिट बाद पल्लवी झड गयी. नीचेसे दिव्या जोर से कुल्हे उठाने लगी. उसने अपने नाखून मेरे पीठ पर गडा दिये. अहआआआआआआ …….आआआआआआआआ….जोर से…….आहाआआय म्म्मम्म्मम्म्मम्म्मम्म्म करिब एक मिनिट मे दिव्या और मे एक साथ झड गये. sachi sex kahaniमेरे काम रस से दिव्या की चुत भर गई. मे दिव्या के उपर वैसे ही गीर गया. दो मिनिट बाद मेने मेरा लंड बाहर निकाला. दिव्या ने उसे साफ कर दिया. और खुद की चुत भी पोछ ली. अब हम लोग उठ गये. दिव्या बाथरूम चली गयी. मैने पल्लवी से कहा, तुम्हारी खिलाडी पहलेसे ही इस खेल मे माहीर है. तब पल्लवी बोली अरे तेरा झुगाड करने के लिये मैने उसे ब्लु फ्लिम दिखाई थी. तभी उसने मुझे बताया था और उसने मेरे सामने एक बार मुली चुत मे घुसा ली थी. छोडो ना तुम्हारा तो काम हो गया ना.ऊस दिन दिव्या को मेने करिब चार बार चोदा. पल्लवी की चुत चाट कर उसको भी थंडा किया. यह हमारा सिलसिला करिब आगे 6 महिने चलता रहा. बीच बीच मैं मे गाव जाकर रेखा और अंजली को भी चोदता रहा. कुछ दिनो बाद रेखा और उसके पती की सुलह हो गयी और वो अपने पती के साथ अमेरिका चली गयी. पल्लवी ने भी एक लडके को जन्म दिया. उसके पती की बंगलोर ट्रासफर होगयी तो वो लोग भी बंगलोर चले गये. पल्लवी ने भी मुझे उसके बाद संपर्क नही किया. मेने बहोत कोशिश की उससे संपर्क करने की पर नही हो पाया. अंजली को उसके बाद मेने दो तीन बार चोदा पर हमारा कांड उसके घर पता चला तो उसके घरवालो ने उसकी जलदी शादी कर डाली. तब से आज तक उसने भी मुझे कोई कॉन्टॅक्ट नही किया. दिव्या तो कहा गायब हो गयी पता ही नही चला. ये सब तो चली गयी मगर मुझे चुदाई का ऐसा नशा दे गई की आज तक वो उतरा नही है.तो दोस्तो कैसी लगी मेरी कहानी आप मुझे मेल करके या hangouts पर जरूर बताई गा या lowprice0000 [at] gmail.com