नेक्स्ट डे हम दोनों घर चले गए।
जब हम दोपहर को घर गए तो बुआ जी जा चुकी थी। म बहुत एक्सएटिड हो गयी थी क्यू के आज मुझे 1 नया लण्ड जो मिलने वाला था। घर जा कर मैंने संजय और मेरे लिए चाय बनाई और संजय से कहा बाथरूम कहा ह मुझे कपड़े बदलने ह तब संजय ने कहा के म कर देता हु आपके कपड़े चेंज बाथरूम की क्या जरूरत है। और मुझे बहो में भर लिया और मेरे होठो को चूमने लगे ।मुझे बहुत अछा लग रहा था और मैं भी संजय का साथ देने लगी। संजय ने धीरे से मेरी चुचियो पर हाथ रख दिया और दबाने लगा।
मेरे निपल तन गए। मन कर रहा था के एकदम से लण्ड पकड़ लू। लेकिन ऐसा करती तो उनको गलत लगता। उन्होंने धीरे धीरे मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और शर्ट को निकाल दिया।
और मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगे। कभी कभी जोर से अपनी बाँहों में भर लेते तो मेरी चुचिया उनके चोडे सीने से दब जाती। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
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फिर उसने मेरी ब्रा खोल दी मेरी बड़ी बड़ी चुचिया उसके सामने थी। संजय मुझे उठा कर अपने बैडरूम में लेगया और बेड पर लेता दिया। और अपनी शर्ट उतार कर मेरे ऊपर लेट कर मेरे होठो को चूमने लगे। मुझे भुत मजा आ रहा था तभी संजय ने उठकर मेरी जीन्स उतार दी म सिर्फ ब्लैक पैंटी में उनके सामने बेड पर लेती थी ।
मुझसे रहा नही जा रहा था। अब मैंने भी संजय को पेंट उतने के लिए बोला। उन्होंने भी पेंट उतार दी। उनके पेंट उतारते ही मैंने उनका अंडर वियर निचे खीच दिया। म संजय का लण्ड देख कर हैरान रह गयी। 8या 9 इंच लम्बा और 3 इंच से भी मोटा। मेरी आँखों में चमक आ गयी। मुझे भी चुदाई करवाये हुए बहुत दिन हो गए थे।
म उनके लण्ड को देख रही थी तभी संजय ने कहा के सिर्फ देखोगी या इसे पकड़ोगी भी। इतना सुनते ही मैंने उनका लुनद हाथ में पकड़ लिया । लण्ड एकदम कठोर और गर्म था। संजय ने कहा के मोनिका चूसोगी क्या।
मुझे और क्या चाहिए था इतना कहते ही मैंने लण्ड पर होठ रख दिए ।लण्ड मेरे मुह में नही जा रहा था। कुछ देर बाद संजय ने कहा क मोनिक पैंटी उतार दो मैंने खड़ी हो कर कहा के उतार दो। उन्होंने पैंटी उतारते ही मेरी चूत पर मुह रख दिया और मेरी चूत को चूसने लगे मुझे भुत आनन्द आ रहा था।
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कभी जीभ को अंदर डाल देते तो कभी क्लीटोरियल को मसल देते। अपने हाथो को मेरे कुल्हो पर ले जा कर सहलाते तो कभी कभी हल्के हल्के थपड में मारते। जिस से मेरे कूल्हे लाल हो गए।
अब में अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रही थी और उससे मुझे चोदने की रिक्वेस्ट करने लगी और बेड पर लेट गयी। वो मेरे ऊपर आ गए और बूब्स को चूसने लगे फिर नाभि को चूम और चूत पर लण्ड को फिराने लगे मुझसे रहा नही गया और उनका लण्ड पकड़ कर चूत पर लगा दिया और उपने कुल्हो को ऊपर की तरफ धकेल दिया।
जिस से उनका लण्ड का थोडा सा हिसा चूत में चला गया। तभी अचानक से मेरी चूत में लण्ड को पूरा डाल दिया। मुझे दर्द हुआ । मैंने कुछ देर रुकने को बोला तो भाई रुक गए और मुझे किश करने लगे जब दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने अपने कुल्हो को हिलाया और भाई को अपनी बहो में भर कर ऊपर निचे होने लगी।
भाई ने भी सब समझ कर मेरी चूत को चोदना चालू कर दिया में चिल्लानेलगी आअहह हह्ह्ह्हह्ह हम्मम्मम आअहह और वो तेज़ी से धक्के मारते रहा। में पहले भाई के लंड से चुद चुकी थी, लेकिन उसके चोदने के तरीके से में बिल्कुल मदहोश हो गयी थी और इतनी अच्छी चुदाई मेरी आज तक भाई ने भी नहीं की थी।
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उसका जोश इतना ज़्यादा था कि वो मुझे आधे घंटे से भी ज़्यादा समय से वो मुझे अलग-अलग स्टाइल में लेकर चोद रहा । कभी घोड़ी बनाकर तो कभी मुझे अपने लण्ड पर बैठने को बोलते। मैं 3 बार झड़ चुकी थी।
आधा घण्टा तक चुदाई चली और हम दोनों एकसाथ झड़ गए। मुझे बहुत अछा लगा भाई से चुदाई करवा कर। तभी भाई बोला क मोनिका तुम्हारी गांड मुझे बहुत पसंद है।
और मेरे ऊपर से उत्तर कर साइड में लेट गए कुछ देर बाद हम दोनों ने शावर लिया और नंगे ही बेड पर आ कर लेट गए।पता नही कब हमे नींद आ गयी। जब आँखे खुली तो शाम के 8 बज चुके थे। मैंने संजय को उठाया। और हमे भूख भी लगी थी तो म खाना बनाने के लिए जाने वाली थी और जब कपड़े पहनने लगी तो भाई ने कहा के मोनिका कल शाम तक कोई कपड़ा नही पहनना। मुझे अजीब लगा।
खैर मैंने खाना बनया और डाइनिंग टेबल पर रख दिया और संजय को बुला लिया के खाना खाओ। देखा तो संजय का लण्ड खड़ा था । भाई कुर्सी पर बैठ गए और मुझे अपने पास बुला कर अपने लण्ड पर बैठा लिया और खाना खाने लगे। बिच बिच में भाई मेरी चुचियो को दबा देते थे।
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खाना खा कर हम फिर से बिस्तर पर चुदाई की दुनिया में खो गए।
और अगले दिन और रत को भी हमने बहुत बार चुदाई की और दिन रात हम दोनों नंगे रहे।
आगे की स्टोरी आप पर निर्भर ह। स्टोरी मेरी हो या मेरी सिस्टर की ये आपको बताना है।
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी ये कहानी ।