भाभी की चूत मारी

भाभी ने बड़े ही स्वाद लेकर उसे पूरा पी लिया। भाभी बेशर्मी से अब बिस्तर पर लेट गई और अपनी चूत उघाड़ दी। उसकी भूरी-भूरी सी, गुलाबी सी चूत खिल उठी।

“चल रे भाभी चोद … चूस ले मेरी फ़ुद्दी… देख कमीनी कैसे तर हो रही है !” तड़पती हुई सी बोली।

Bookmark us for more Bhabhi ki chudai kahani

मुझे थोड़ा अजीब सा तो लगा पर यह मेरा पहला अनुभव था सो करना ही था। जैसे ही मुख उसकी चूत के पास लाया, एक विचित्र सी शायद चूत की या उसके स्त्राव की भीनी सी महक आई। जीभ लगाते ही पहले तो उसकी चूत में लगा लसलसापन, चिकना सा लगा, जो मुझे अच्छा नहीं लगा।

पर अभी अभी भाभी ने भी मेरा वीर्य पिया था… सो हिम्मत करके एक बार जीभ से चाट लिया। भाभी जैसे उछल पड़ी।

“आह, भैया… मजा आ गया… जरा और कस कर चाट…!” मुझे लगा कि जैसे भाभी तो मजे की खान हैं… साली को और रगड़ो… मैंने उसे कस-कस कर चाटना आरम्भ कर दिया। भाभी ने मेरे सर के बाल पकड़ कर मेरा मुख अपने दाने पर रख दिया।

“साले यह है रस की खान… इसे चाट और हिला… मेरी माँ चुद जायेगी राम… !” दाने को चाटते ही जैसे भाभी कांप गई।

“मर गई रे ! हाय मां की … ! चोद दे हाय चोद दे … ! साला लण्ड घुसेड़ दे !… मां चोद दे… हाय रे !” और भाभी ने अपनी चूत पर पांव दोहरे कर लिये और अपना पानी छोड़ दिया।

ये सब देख कर मेरा मन डोल उठा था। मेरा लण्ड एक बार फिर से भड़क उठा।

Bookmark us for more Bhabhi ki chudai kahani

भाभी ने ज्योंही मेरा खड़ा लण्ड देखा,”साला हरामी… एक तो वो है… जो खड़ा ही नहीं होता है… और एक ये है… फिर से जोर मार रहा है…”

“भाभी, मैंने यह सब पहली बार किया है ना… ! मुझे बार-बार आपको चोदने की इच्छा हो रही है !”

“चल रे भोसड़ी के… ये अपना लण्ड देख…साला पूरा छिला हुआ है… और कहता है पहली बार किया है !”

“भाभी ये तो मुठ मारने से हुआ है… उस दो रजाई के बीच लण्ड घुसेड़ने से हुआ है… सच…! ”

“आये हाय … मेरे भेन के लौड़े … मुझे तो तुझ पर प्यार आ रहा है सच … साले लण्ड को टिका मेरे गाण्ड के गुलाब पर… मेरे चिकने लौण्डे !” भाभी ने एक बार फिर से मुझे कठोरता से जकड़ लिया और घोड़ी बन गई।

अपनी भूखी प्यासी गाण्ड को मेरे लौड़े पर कस दिया।

“चल हरामी… लगा जोर … घुसेड़ दे…तेरी मां की … चल घुसा ना… !”

मेरे हर तरफ़ से जोर लगाने पर भी लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था।

Bookmark us for more Bhabhi ki chudai kahani

“भोसड़ी के… थूक लगा के चोद …नहीं तो तेल लगा के चोद… वाकई यार नया खिलाड़ी है !” और भाभी ने अपने कसे हुये सुन्दर से गोल गोल चूतड़ मेरे चेहरे के सामने कर दिये। मैंने थूक निकाल कर जीभ को उसकी गाण्ड पर लगा दी और उसे जीभ से फ़ैलाने लगा।

भाभी को जोरदार गुदगुदी हुई।

“भड़वे… और कर… जीभ गाण्ड में घुसा दे… हाय हाय हाय रे … और जीभ घुमा… आह्ह्ह रे… गाण्ड में घुसा दे…बड़ा नमकीन है रे तू तो !” उसकी सिसकारियाँ मुझे मस्त किये दे रही थी।

“भाभी … ये नमकीन क्या ?” मैंने पूछा तो वो जोर से हंस दी।

“तेरे लौड़े की कसम भैया जी … जीभ से गाण्ड मार दे राम …”

मैंने भी अपनी जीभ को उसकी गाण्ड में घुसा दी और अन्दर बाहर करने लगा। मैंने अपनी अपनी एक अंगुली उसकी चूत में भी घुसा दी। भाभी तड़प सी उठी।

“आह मार दे गाण्ड रे… उठा लौड़ा… मार दे अब…भोसड़ी के ”

मैंने तुरंत अपनी पोजिशन बदली और और उसकी गाण्ड के पीछे चिपक गया और तन्नाया हुआ लण्ड उसकी गाण्ड की छेद पर रख दिया और जोर लगाते ही फ़क से अन्दर उतर गया।

Bookmark us for more Bhabhi ki chudai kahani

“मदरचोद पेल दे… चोद दे गाण्ड … साली को … मरी भूखी प्यासी तड़प रही थी… चोद दे इस कमीनी को…” मेरी कमर अब उसे चोदते हुये हिलने लगी थी।

मेरा लण्ड तेजी से चलने लगा था। उसकी गाण्ड का छेद अब बन्द नहीं हो रहा था। जैसे ही मैं लण्ड बाहर निकालता, वो खुला का खुला रह जाता। तभी मैं जल्दी से फिर अपना लण्ड घुसेड़ देता… हां एक थूक का लौन्दा जरूर उसमें टपका देता था।

फिर वापस से दनादन चोदने लगता था। बीच बीच में वो आनन्द के मारे चीख उठती थी। घोड़ी बनी भाभी की चूत भी अब चूने लग गई थी। उसमें से रति-रस बूंद बूंद करके टपकने लगा था।

मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल कर उसकी चूत में घुसेड़ दिया।

“भोसड़ी के …धीरे से… मेरी चूत तो अभी तो साल भर से चुदी भी नहीं है… धीरे कर !”

“ना भाभी… मत रोको… चलने दो लौड़ा…। ”

” हाय तो रुक जा … नीचे लेट जा… मुझे चोदने दे अब…”

“बात एक ही ना भाभी… चुदना तो चूत को ही है…”

Bookmark us for more Bhabhi ki chudai kahani

“अरे चल यार… मुझे मेरे हिसाब से चुदने दे…भोसड़ी तो मेरी है ना…” उसके स्वर में व्याकुलता थी।

मेरे नीचे लेटते ही वो मुझ पर उछल कर चढ़ गई और खड़े लण्ड पर चूत के पट खोलकर उस पर बैठ गई।

चिकनी चूत में लण्ड गुदगुदी करता हुया पूरा अन्दर तक बैठ गया। उसके मुख से एक आह निकल पड़ी। अब उसने मेरा लण्ड थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर जोर लगा कर और भी गहराई में उतारने लगी। हर बार मुझे लण्ड पर एक जोर की मिठास आ जाती थी।

उसके मुँह से एक प्रकार की गुर्राहट सी निकल रही थी जैसे कि कोई भूखी शेरनी हो और एक बार में ही पुरा चुद जाना चाहती हो। अब तो अपनी चूत मेरे लण्ड पर पटकने लगी… मेरा लण्ड मिठास की कसक से भर उठा।

उसके धक्के बढ़ते गये और मेरी हालत पतली होती गई… मुझे लगा कि मैं बस अब गया… तब गया…।

पर तभी भाभी ने अपने दांत भींच लिये और मेरे लण्ड को जोर से भीतर रगड़ दिया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। चूत की रगड़ खाते ही मेरी जान निकल गई और मेरे लण्ड ने चूत में ही अपना यौवन रस छोड़ दिया…

उसकी चूत में जैसे बाढ़ आ गई हो। मेरा तो वीर्य निकले ही जा रहा था… और शायद भाभी की चूत ने भी चुदाई के बाद अपना रस जोर से छोड़ दिया था। वो ऊपर चढ़ी अपना रस निकाल रही थी और फिर मेरे ऊपर लेट गई। सब कुछ फिर से एक बार सामान्य हो गया…

Bookmark us for more Bhabhi ki chudai kahani

“भाभी आपकी चुदाई तो …”

भाभी ने मेरे मुख पर हाथ रख दिया,”अब नहीं … गालियाँ तो चुदाई में ही भली लगती है…अब अगली चुदाई में प्यारी-प्यारी गालियां देंगे !”

“सॉरी, भाभी… हां मैं यह पूछ रहा था कि जब आप को मेरे बारे में पता था तब आपने पहल क्यों नहीं की?”

“पता तो तुझे भी था… मैं इशारे करती तो तू समझता ही नहीं था… फिर जब मुझे पक्का पता चल गया कि तेरे मन में मुझे चोदने की है और तू मेरे नाम की मुठ मारता है तो फिर मेरे से रहा नहीं गया और तुझ पर चढ़ बैठी और मस्ती से चुदवा लिया।”

“भाभी धन्यवाद आपको … मतलब अब कब चुदाई करेंगें…?”

“तेरी मां की चूत… आज करे सो अब… चल भोसड़ी के चोद दे मुझे…! ” और भाभी फिर से मुझे नोचने खसोटने के लिये मुझ पर चढ़ बैठी और मुझे नीचे दबा लिया और मुझे गाल पर काटने लगी।

Bookmark us for more Bhabhi ki chudai & desixnxx

मैं सिसक उठा और वो एक बार फिर से मुझ पर छा गई… मेरा लण्ड तन्ना उठा… मेरा चेहरा उसने थूक से गीला कर दिया और मेरे गालों को काटने लगी…।

मेरा लण्ड उसकी चूत में फिर से घुस पड़ा…