मैंने जब आशा की चूत की तरफ देखा

Antarvasna, hindi sex story: मैं सुबह अपनी कॉलोनी के पार्क में जॉगिंग के लिए गया हुआ था और मैं जब वहां से वापस लौट रहा था तो मुझे  सरिता मिली। सरिता मुझे कहने लगी कि गौतम मैं तुमसे मिलना चाह रही थी मैंने सरिता से कहा कि क्या तुम्हें कुछ जरूरी काम था। सरिता मुझे कहने लगी कि हां मैंने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया है और मैं सोच रही थी कि अगर मैं तुम्हारे साथ काम करूँ तो मुझे काफी खुशी होगी। मेरा प्रॉपर्टी का बिजनेस है और सरिता हमारे पड़ोस में ही रहती है सरिता ने उस दिन जब मुझसे इस बारे में कहा तो मैंने सरिता को कहा कि ठीक है तुम मुझसे दोपहर के वक्त मेरे ऑफिस में मिलना। सरिता ने कहा कि ठीक है मैं तुमसे तुम्हारे ऑफिस में मिलती हूं और सरिता मुझसे मिलने के लिए उस दिन दोपहर को ऑफिस में आई।जब वह मुझसे मिलने के लिए आई तो हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मैंने सरिता को कहा कि क्या तुम मेरे साथ काम करना चाहती हो तो सरिता कहने लगी कि हां मैं घर पर अकेले बोर हो जाया करती हूं तो सोच रही हूं कि मैं तुम्हारे साथ ही काम कर लूं। मैंने सरिता को कहा कि ठीक है अगर तुम्हें लगता है कि तुम मेरे साथ काम कर सकती हो तो यह मेरे लिए भी काफी अच्छा होगा। सरिता मेरे साथ ही काम करने लगी थी और वह काफी अच्छे से काम कर रही थी मैं उससे बहुत ज्यादा खुश भी हूं। सरिता ने मेरे साथ करीब 6 महीने तक काम किया और उसके बाद वह अब शादी के बंधन में बंधने जा रही थी। सरिता की शादी होने वाली थी और जब सरिता की शादी हुई तो उसकी शादी में मैं आशा को मिला।जब आशा से मेरी मुलाकात हुई तो मुझे काफी अच्छा लगा आशा से मिलना मेरे लिए बड़ा ही अच्छा था जिस तरीके से हम लोगों की मुलाकात हुई उससे मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं। आशा और मैं एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे। हम दोनों की मुलाकात को ज्यादा समय नहीं हुआ था लेकिन हम दोनों जिस तरीके से एक दूसरे को डेट कर रहे थे उससे मैं बहुत ज्यादा खुश हूं और आशा भी बहुत ज्यादा खुश है। मैंने आशा को कहा कि जबसे तुम मेरी जिंदगी में आई हो तब से मेरी जिंदगी पूरी तरीके से बदल गई है। मैं और आशा एक दूसरे के साथ रिलेशन में बहुत खुश है और हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार भी करते हैं। मैंने आशा को कहा कि हम लोगों को अब शादी कर लेनी चाहिए। मेरी भी शादी की उम्र हो चुकी थी और घरवाले भी मेरे लिए लड़की देख रहे थे लेकिन मुझे लगा कि क्यों ना मैं आशा से शादी कर लूं। मैंने जब आशा को अपने परिवार से मिलाया तो सब लोगों को आशा बहुत पसंद आई और जल्द ही हम दोनों की शादी का दिन तय हो गया।आशा के परिवार वालों को भी इससे कोई एतराज नहीं था और हम दोनों की शादी हो जाने के बाद आशा भी मेरे प्रॉपर्टी के बिजनेस में मेरे साथ काम करने लगी थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से आशा और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में है। हम दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी से बहुत ही ज्यादा खुश है मैं और आशा एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं। एक दिन आशा और मैं साथ में बैठे हुए बातें कर रहे थे उस दिन आशा ने मुझे कहा कि आज दीदी का फोन आया था और मैं चाहती हूं कि आज अपनी दीदी के घर हो आऊं। उस दिन मैं भी घर पर ही था और आशा अपनी दीदी को मिलने के लिए चली गयी। जब हम लोग आशा की दीदी को मिलने के लिए गए तो हम लोग उस दिन उन्हीं के घर पर रुके और फिर अगले दिन हम लोग अपने घर लौट आए थे। आशा और मैं जिस तरीके से मेरे काम को आगे बढ़ा रहे हैं उससे हम दोनों बहुत खुश हैं।पापा और मम्मी के साथ हम लोगों को शादी में जयपुर जाना था और हम लोग जयपुर चले गए। जयपुर में मुझे मेरा पुराना दोस्त मिला जब मेरी एक पुराने दोस्त से मुलाकात हुई तो उसने हमें अपने घर चलने के लिए कहा लेकिन मैंने उसे कहा कि अभी तो यह संभव नहीं हो पाएगा। उस दिन मुझे अपने दोस्त अमित से मिलकर बहुत ही अच्छा था अमित की पत्नी भी उस दिन शादी में आई हुई थी इसलिए हम लोगों की मुलाकात अमित की पत्नी से भी हुई। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हैं जिस तरीके से हम दोनों की शादी शुदा जिंदगी चल रही है। एक दिन मैं आशा के साथ शॉपिंग के लिए गया हुआ था उस दिन हम लोग शॉपिंग करने के बाद घर वापस लौटे तो हमने देखा कि मां की तबीयत ठीक नहीं थी। मैंने सोचा कि क्यों ना आज हम लोग बाहर से ही खाना ऑर्डर करते हैं और उस दिन हम लोगों ने बाहर से ही खाना ऑर्डर किया।आशा और मैं जब उस दिन एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो आशा ने मुझे कहा कि मैं सोच रही हूं कि क्यों ना घर में हम लोग काम करने के लिए किसी नौकरानी को रख ले। मैंने आशा से कहा कि हां तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो मुझे भी यही लगता है कि हम लोगों को काम करने वाली नौकरानी को काम पर रख लेना चाहिए। आशा और मैं यही चाहते थे और हम लोगों ने घर में काम करने वाली नौकरानी को रख लिया। मां की तबीयत ठीक नहीं रहती है जिस वजह से मुझे भी लगा कि हमें किसी को काम पर रख लेना चाहिए। हम लोगों ने एक नौकरानी को काम पर रख लिया था वह घर की देखभाल अच्छे से कर रही थी और मां की तबीयत भी अब ठीक होने लगी थी। मां की तबीयत में अब सुधार होने लगा था और हम लोगों को इस बात की खुशी थी की मां की तबीयत ठीक हो चुकी है।आशा और मेरी बीच ना जाने कितनी ही बार सेक्स संबंध बने लेकिन एक दिन जब आशा और मैं साथ में बैठे हुए थे तो हम दोनो एक दूसरे से बातें कर रहे थे। उस दिन मैं और आशा एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तड़पने लगे थे। मैंने आशा की जांघो को सहलाना शुरू किया और उसके होठों को मैं चूसने लगा था। मैं उसके होठों का रसपान करने लगा तो मुझे मजा आ रहा था और वह भी तड़पती जा रही थी। आशा की गर्मी बढ़ रही थी और मेरी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढने लगी थी। मैंने आशा से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे और हम दोनों की गर्मी बढ़ने लगी थी। मैंने आशा के सामने अपने लंड को किया तो उसने उसे अपने मुंह में ले लिया और जिस तरीके से वह मेरे लंड को सकिंग करने लगी उस से मुझे मजा आने लगा था और मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाते जा रहे थे। हम दोनों की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी थी।मैंने आशा से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं। आशा मुझे कहने लगी मुझसे भी नहीं रहा जा रहा है मैंने जब आशा की चूत मे अपने मोटे लंड को सटाया तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था। आशा की चूत मेरे लंड को लेने के लिए तैयार थी मैंने आशा की चूत पर अपने लंड को रगडना शुरू किया मुझे मजा आने लगा था और वह खुश होती जा रही थी। अब हम दोनों पूरी तरीके से गरम हो चुके थे। मैंने आशा की चूत कपर अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था मेरा लंड बड़ी आसानी से उसकी चूत के अंदर बाहर होता जा रहा था जिससे कि उसकी सिसकारियां बढती जा रही थी। वह बहुत ज्यादा गर्म हो रही थी वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढती जा रही है अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे। जैसे ही मैंने अपने वीर्य की पिचकारी को उसकी चूत में गिराया तो वह बहुत ज्यादा खुश थी और उसने मेरे लंड को दोबारा से चूस कर लंड को दोबारा से खड़ा कर दिया था। मैंने आशा से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। आशा कहने लगी मुझसे भी नहीं रहा जा है।हम दोनो ने एक दूसरे के साथ सेक्स करने का फैसला किया और मैंने आशा की चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो मेरा लंड उसकी चूत मे जा चुका था। जब उसकी चूत मे मेरा लंड गया तो वह भी मुझसे अपनी चूतडो को मिलाए जा रही थी। मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था जब वह मुझसे अपनी चूतडो को मिला रही थी और मेरी गर्मी को बढाए जा रही थी। हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे लेकिन जब मैंने अपने वीर्य को आशा की चूत में गिराया तो वह खुश हो गई और मुझे बोली मेरी गर्मी को तुमने शांत कर दिया है। हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया हुआ था और मेरे लंड से अभी भी वीर्य बाहर की तरफ को टपक रहा था।मैंने जब आशा की चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से अभी भी पानी बाहर की तरफ निकल रहा था मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था हम दोनों ने उस दिन एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे लिए थे। मैं जब भी आशा के साथ सेक्स के मज़े लेता हूं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है और वह मुझे पूरी तरीके से संतुष्ट कर देती है। आशा और मैं एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश है और हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करते हैं तो हम लोगों को बहुत ही अच्छा लगता है। आशा मेरे लंड को हमेशा अपनी चूत में लेने के लिए तैयार रहती है।  वह जब भी मेरे लंड को अपनी चूत में लेती है तो वह बहुत ज्यादा खुश रहती है और मुझे भी बहुत अच्छा लगता है जब भी वह मेरे साथ सेक्स के मज़े लेती है और मेरी गर्मी को पूरी तरीके से शांत कर देती है।