पति की रुसवाई को मेरे दोस्त ने दूर किया

मेरा नाम प्रतिभा है मैं मुंबई की रहने वाली हूं, मैं मुंबई में ही पली बढ़ी हूं और मैं पहले से ही खुले विचारों की हूं लेकिन जब से मेरी शादी हुई है तब से मुझे मेरे पति के हिसाब से चलना पड़ता है। मेरे पति का नाम गगन है। वह मुंबई में कारोबार करते हैं और कभी कबार काम के सिलसिले में बाहर भी चले जाते हैं। हम दोनों की शादी को काफी वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी तक हम लोगों ने फैमिली प्लानिंग नहीं की है क्योंकि वह कहते हैं कि मुझे अभी थोड़ा समय और चाहिए। meri antarvasnaमैं घर में जब अकेले बोर हो जाती हूं.. meri antarvasnaतो मैं अपने पड़ोस में ही अपनी सहेली के पास चली जाती हूं, हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते है, मैं उसे अपनी हर बात शेयर करती हूं मेरी सहेली का नाम कविता है।कविता भी इंडिपेंडेंट विचारों की है.. meri antarvasnaलेकिन उसके पति उसे कुछ भी नहीं कहते, मैं उससे हमेशा ही इस बारे में कहती हूं कि मेरे पति गगन तो मुझे किसी के साथ बात भी नहीं करने देते यदि वह मुझे किसी के साथ बात करते हुए देख लेते हैं तो मुझे वह घर में बहुत डांटते हैं।कविता मुझे कहने लगी कि तुम्हें इस बारे में तो गगन से बात करनी चाहिए और तुम दोनों को आपस में ही अपना मैटर सुलझाना चाहिए क्योंकि यदि गगन का नेचर इसी प्रकार से रहा तो तुम्हें आगे चलकर इन सब चीजों से बहुत ही तकलीफ होगी, मैं उसे कहने लगी मैंने तो गगन से कई बार इस बारे में बात की थी लेकिन गगन मुझे हमेशा ही हो यह कह कर टाल देते हैं कि क्या मैं तुम्हारे बारे में गलत सोच रहा हूं या तुम पर शक कर रहा हूं।एक दिन मैं सुबह सफाई का काम कर रही थी, उस दिन मैंने सोचा काफी समय हो चुका है मैंने घर में अच्छे से सफाई नहीं की है, क्यों ना आज सफाई कर ली जाए। मैंने उस दिन घर की अच्छे से सफाई की, सफाई करने के बाद मैं जब अपने सोफे पर बैठी हुई थी तो उस वक्त दोपहर के 1 बज रहे थे और मेरे फोन पर मेरे पुराने दोस्त सारांश का फोन आया। सारांश और मेरी बात काफी समय से नहीं हुई थी हम दोनों कॉलेज में साथ ही पढ़ते थे।सारांश ने मुझे फोन किया.. meri antarvasnaतो मैंने उसे पूछा तुमने आज मुझे इतने सालों बाद कैसे याद कर लिया, वह कहने लगा मैं तो तुम्हें हमेशा ही याद करता हूं लेकिन तुम ही मुझे कभी याद नहीं करती। मैंने सारांश से कहा कि मैं अब घर की लाइफ में इतना ज्यादा बिजी हो चुकी हूं कि बिल्कुल भी वक्त नहीं मिल पाता। सारांश मुझसे पूछने लगा तुम्हारा शादीशुदा जीवन कैसा चल रहा है, मैंने उसे कहा कि मेरी शादी शुदा जिंदगी तो अच्छी चल रही है, पर तुम बताओ तुम आजकल कहां हो।वह मुझे कहने लगा मैं आजकल मुंबई में हूं… meri antarvasnaमैंने उसे कहा तुम तो मुझे काफी सालों बाद फोन कर रहे हो, तुम आजकल क्या कर रहे हो, वह कहने लगा मैंने अपना ही बिजनेस खोल लिया है और मैं दिल्ली में ही काम करता हूं इसीलिए मैं मुंबई बहुत ही कम रहता हूं। मैंने कहा चलो यह तो अच्छी बात है यदि तुमने अपना ही कारोबार शुरू कर लिया है। हम दोनों की उस दिन काफी देर तक बात हुई, मुझे भी सारांश से बात कर के अच्छा लगा।सारांश मुझे कहने लगा किसी दिन तुम मुझे मिलो तो हम दोनों उस दिन बैठ कर बात करते हैं, मैंने उसे कहा तुम मेरे घर पर ही आ जाना, वैसे भी मैं घर पर अकेली बोर होती हूं, तुम्हें जब भी वक्त मिले तो तुम मुझे फोन कर लेना मैं तुम्हें अपने घर का एड्रेस भेज दूंगी। सारांश कहने लगा ठीक है तुम मुझे अपने घर का एड्रेस दे देना, अभी फिलहाल तो मेरे पास वक्त नहीं है लेकिन कुछ दिनों बाद ही मैं मुंबई लौटूंगा, मैं अभी दिल्ली जा रहा हूं।मैंने सारांश से कहा ठीक है तुम्हें जब भी वक्त मिले तो तुम मुझे फोन कर लेना। meri antarvasnaउसके बाद मैंने सारांश का फोन कट कर दिया और मैंने सोचा मैं कविता के पास चलती हूं। मैं उस दिन कविता के पास चली गई कविता और मैं उस दिन काफी देर तक बैठे रहे, जब मैं घर गई तो उसके कुछ देर बाद गगन भी आ गये। फिर मैं अपना खाना बनाने लगी, जब मैं खाना बना रही थी तो गगन बेडरूम में ही बैठे हुए थे और उन्होंने मेरा फोन उस दिन देख लिया,  वह मुझे कहने लगे यह सारांश कौन है, मैंने उन्हें बताया कि वह मेरा पुराना दोस्त है और हम लोग कॉलेज में साथ ही थे, अब उसने अपना काम शुरू कर लिया है इसलिए उसने काफी समय बाद मुझे फोन किया।Hindi porn kahani Padosan Girlfriend Ko Choda Chat Peजब मैंने यह बात गगन को बताई तो गगन का मुंह बिगड़ सा गया और वह चुपचाप अपने काम पर लग गए। मैं समझ चुकी थी कि वह मेरी इस बात से गुस्सा हो चुके हैं, मैंने उन्हें कहा कि हम दोनों खाना खा लेते हैं खाना बन चुका है। हम दोनों ने डिनर किया और उसके बाद हम लोग अपने बेडरूम में सो गए लेकिन मैं सोचने लगी कि गगन और मेरी शादी कितने वर्ष हो चुके हैं लेकिन अब भी हम दोनों एक दूसरे को बिल्कुल भी नहीं समझ पाये।मुझे रात भर नींद नहीं आई और मैं यही सोचती रही। meri antarvasnaअगले दिन गगन ने मुझसे कहा मैं काम के सिलसिले में कहीं बाहर जा रहा हूं और कुछ दिन बाद ही लौटूंगा, तुम अपना ध्यान रखना।  यह कहते हुए वह चले गए, मुझे बहुत ही बुरा सा फील हो रहा था। मुझे अपने आप को देख कर बहुत ही ज्यादा बुरा लग रहा था। उसके कुछ दिनों बाद ही मुझे सारांश का फोन आया वह मुझे कहने लगा तुम कहां हो। मैंने उसे कहा मैं तो घर पर ही हूं। वह कहने लगा क्या मैं तुम्हारे घर आ सकता हूं मैंने उसे कहा हां तुम मेरे घर आ जाओ। जब वह मेरे पास आया तो हम दोनों ही साथ में बैठे हुए थे और सारांश मुझसे पूछने लगा तुम्हारी लाइफ कैसी चल रही है।मैंने उसे अपनी सारी बात बताई  उसे यहां सब सुनकर अच्छा नहीं लगा वह कहने लगा तुम तो बिल्कुल ही इंडिपेंडेंट विचारों की थी लेकिन अब तुम्हें क्या हो चुका है। मैंने उसे कहा मेरे पति के साथ मै बिल्कुल भी खुश नहीं हू। उसने मुझे गले लगा लिया और कहने लगा तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे साथ हूं। जब उसने यह सब मुझे कहा तो मेरे अंदर से एक आग सी निकल गई, मैंने उसे कस कर पकड़ लिया मेरे स्तनों सारांश से टकरा रहे। सारांश ने भी मुझे सोफे पर लेटा दिया और सोफे पर लेटाते ही उसने मेरे नरम और मुलायम होठों का रसपान किया। काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के होठों को चूसते रहे उसने मेरे होठों से खून भी निकाल दिया।जब उसने मुझे नंगा किया तो वह प्यासी नजरों से मुझे बहुत देर तक  घूरता रहा। meri antarvasnaमैंने  सारांश से कहा अब तुम देर मत करो मैं काफी समय से सेक्स की भूखी बैठी हूं तुम मेरी इच्छा पूरी कर दो। सारांश ने भी अपना लंड बाहर निकाला और मैंने उसके कडक और मोटे लंड को बहुत देर तक सकिंग किया। वह पूरा मूड में था मैंने उसे कहा तुम मेरी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दो। उसने जब मेरे दोनों पैर खोले तो कुछ देर तक तो उसने मेरी योनि को अच्छे से चाटा जिससे कि मेरी योनि से और भी ज्यादा पानी निकलने लगा। उसने मेरी योनि के अंदर जब अपनी उंगली को डाला तो मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।कुछ देर में ही उसने अपने मोटे लंड को जैसे ही मेरी योनि के अंदर प्रवेश करवा दिया तो मैं बहुत ज्यादा चिल्लाने लगी। वह कहने लगा तुम्हारी चूत तो बहुत ही टाइट है मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जब मैं तुम्हें झटके दे रहा हूं। मैंने सारांश से कहा मुझे भी तुम्हारे साथ में सेक्स कर के बहुत मजा आ रहा है मैं इतने दिनों से भूखी बैठी थी मेरे पति तो मेरी तरफ देखते भी नहीं है और वह सिर्फ मुझ पर शक करते रहते हैं।सारांश कहने लगा तुमने भी आज मेरी इच्छा पूरी कर दी है। meri antarvasna15 मिनट बाद जब सारांश का वीर्य गिरा तो वह मुझे कहने लगा मुझे आज तुमने खुश कर दिया है। मैंने अपनी योनि से वीर्य को साफ किया और कुछ देर बाद उसके ऊपर बैठ गई। मैं अपनी चूतडो को बड़ी तेजी से हिला रही थी और वह भी मुझे बड़ी तेज गति से धक्के दे रहा था। जिस प्रकार से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ संभोग किया हम दोनों ही बहुत खुश हो गए और जब दोबारा से सारांश का वीर्य मेरी योनि में गया तो उसने मेरी योनि से अपने लंड को निकाल लिया।मैंने सारांश को गले लगा लिया। meri antarvasna