गैर मर्द से चुत चुदवाई (Free Sex Kahaniya)

पापा ने कहा कि वो नहीं जा पाएँगे, उनको ऑफीस के काम से बाहर जाना है। तभी मम्मी गुस्सा हो गई, उन्होंने कहा ठीक है आप मना कर दो फोन पर, में मना नहीं कर सकती। पापा ने कहा ठीक है में मना कर दूँगा। फिर उन्होंने दादी को कॉल किया और कहा कि हम लोग गाँव नहीं आ सकते। तभी दादी ने कहा कि ठीक है, कम से कम मेरी बहू और मेरे पोते को तो तुम गाँव भेज दो, पापा ने कहा ठीक है। फिर पापा ने मम्मी से कहा कि तुम विक्की को लेकर गाँव चली जाओ, में नहीं जा सकता। मम्मी ने कहा ठीक है। फिर पापा ने हमारा ट्रेन से रिज़र्वेशन करा दिया और हम गाँव पहुंच गये। वहाँ पर हमारा स्वागत हुआ हम दिन के 11 बजे गाँव पहुंच गये थे। फिर हम घर पर पहुंच कर खाना खाकर सो गये। kamasutraफिर शाम को जब हम उठे तो देखा कि हमारे घर के बगल में एक चाचा रहते है, उनका नाम सीबू था। वो आए हुए थे। में और मम्मी बैठ कर चाचा से बात करने लगे, बातों बातों में चाचा ने मम्मी से कहा कि भाभी बिलकुल सही समय पर आई हो, मम्मी ने कहा क्या मतलब? सीबू चाचा ने कहा देवर के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कि उसकी भाभी होली पर आई हो, इस बार तो मज़ा आएगा। ये कह कर चाचा हँसने लगे और मेरी मम्मी भी उन्हे देख कर थोड़ा सा शरमा गई।Bookmark us for Kamasutra Kahaniअब अगले दिन होली थी। सुबह से ही सारे लोग होली खेलने मिलने जुलने आये हुए थे। दिन के 12 बज चुके थे, मम्मी ने मुझसे कहा कि में नहाने जा रही हूँ। तभी मैंने कहा कि ठीक है। मम्मी आप नहा कर आ जाईये फिर मैं नहा लूँगा, मम्मी ने कहा ठीक है। ये कहकर मेरी मम्मी नहाने चली गई। में बाहर खेलने लगा, तभी मैंने देखा कि सीबू चाचा आए हुए है। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि बेटा तुम्हारी मम्मी कहाँ है? मैंने कहा कि मम्मी बाथरूम मे नहाने चली गई है।चाचा ने कहा कि ठीक है। हमारे गाँव में जो हमारा बाथरूम था, वो थोड़ी सी दूरी पर था और उसमें गेट भी कोई खास नहीं था। उसमें से सब कुछ साफ़ दिखता था। घर की सभी औरतें उसी बाथरूम मे जाकर नहाती थी। फिर चाचा मम्मी को रंग लगाने के लिए बाथरूम की तरफ चले गये। में भी उनके पीछे पीछे चला गया, तभी मैंने देखा कि मेरी मम्मी वहाँ पर नहा रही थी और अपने शरीर पर साबुन लगा रही थी।फिर चाचा वहीँ पर चुपके से खड़े होकर मम्मी को नहाते हुए देखा रहे थे। मम्मी को ये बात पता नहीं थी। वो आराम से साबुन अपने शरीर पर लगा रही थी।Bookmark us for Kamasutra Kahaniस्थिति कुछ ऐसी थी कि मम्मी ने अपने पेटीकोट का नाडा अपने बूब्स से बाँध रखा था और उनका पूरा शरीर पानी से भीगा हुआ था और उन्होंने अपने पेटीकोट को अपनी जांघ तक उठा रखा था और वो बस साबुन मल रही थी। तभी मैंने चाचा की तरफ देखा। वो मम्मी को बहुत ही गंदी नज़र से देख रहे थे। फिर चाचा बाथरूम मे अंदर गये।उन्होंने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया, चाचा के अचानक इस तरह से पकड़ने से मम्मी घबरा गई। चाचा ने कहा भाभी मुझसे रंग नहीं लगवाओगी क्या? मम्मी ने कहा मैंने रंग साफ कर लिया है, अब नहीं चाचा ने कहा, ऐसे कैसे भाभी आज तो होली है, बिना रंग के कैसे मज़ा आएगा। उन्होंने मेरी मम्मी को कसकर अपनी बांहों मे जकड़ रखा था और मम्मी के मना करने के बावजूद वो मम्मी को रंग लगाने लगे। चाचा मम्मी के पेटीकोट को धीरे धीरे ऊपर करते हुए, उनकी जांघों मे रंग लगा रहे थे।Bookmark us for Kamasutra Kahaniतभी मम्मी ने कहा कि प्लीज बस करो अब तो रंग लगा लिया ना, अब रहने दो, फिर चाचा हँसने लगे। उन्होंने कहा अभी कहाँ भाभी अभी तो में आपके पूरे शरीर में रंग लगाऊंगा, ये कहते हुए चाचा ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को पूरा पेट तक उठा दिया।शायद चाचा को भी ये पता नहीं था कि मेरी मम्मी ने पेंटी नहीं पहनी हुई है। अब चाचा ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को उनके बूब्स तक चड़ा दिया और मम्मी के पूरे शरीर में रंग लगाने लगे। उनका हाथ मेरी मम्मी की गोरी गोरी जांघो को छू रहा था। मम्मी अपने हाथों से अपनी चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन चाचा के सामने उनकी एक ना चली।फिर मम्मी ने कहा नहीं नहीं प्लीज इसमें मत लगाओ, चाचा ने कहा अरे कुछ नहीं होगा भाभी लगाने दो प्लीज़, ये कह कर चाचा ने मम्मी का हाथ हटा दिया। मैंने देखा कि मम्मी की चूत पर पूरे झांट के बाल थे। तभी चाचा ने अपने हाथ में रंग भरा और अपना हाथ अंदर ले जाते हुए मेरी मम्मी की चूत में रगड़ने लगे। पहले कुछ देर तक मेरी मम्मी नॉर्मल मज़ाक में सब लेती रही क्योंकि गाँव में ऐसा ही होता है।Bookmark us for Kamasutra Kahaniलेकिन मैंने देखा कि मम्मी को अब बहुत मज़ा आने लगा।चाचा ने सोचा अच्छा मौका है और ये सोचकर उन्होंने अपनी दो उंगली मेरी मम्मी की चूत में घुसा दी, फिर मम्मी ने कहा अब रहने दो, चाचा ने पूछा कि क्या मज़ा नहीं आ रहा? मम्मी ने सर हिलाते हुए कहा हाँ फिर क्या था चाचा को हरी झंडी मिल गई। फिर चाचा अपनी उंगली मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर करने लगे। कभी अपना हाथ बाहर निकाल कर मेरी मम्मी के पेट पर रगड़ते तो कभी पीछे ले जाकर उनकी गांड को मसलते।फिर कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा। थोड़ी देर बाद किसी के आने की आहट आई, तभी चाचा वहाँ से हट गये और वहाँ से चले गये।Bookmark us for Kamasutra Kahaniमम्मी फिर से नहाने लगी फिर में भी वहाँ से चला गया। थोड़ी देर बाद मम्मी नहाकर घर में आ गई। मैंने मम्मी की तरफ देखा एक अजीब सी ख़ुशी देखी उनकी आँखो में, फिर हमने साथ मे बैठकर खाना खाया और में सोने चला गया, फिर शाम को जब मेरी आँखे खुली तो मैंने मम्मी की आवाज़ सुनी जो पास के कमरे से आ रही थी।तभी में ये देखने चला गया कि मम्मी किससे बात कर रही है। जब मैंने देखा तो पाया कि सीबू चाचा बैठे हुए है और वो मम्मी से कह रहे थे कि भाभी आज मेरे यहाँ पर चलो प्लीज, मम्मी उनसे मना कर रही थी और कहने लगी कि नहीं माँजी घर में है नहीं हो पाएगा।मुझे कुछ समझ मे नहीं आ रहा था। फिर चाचा ने कहा कि आप टेंशन मत लो में काकी (मेरी दादी) को में मना लूँगा, ये कहकर चाचा दादी के पास चले गये।Bookmark us for Kamasutra Kahaniफिर उन्होंने कहा कि काकी में भाभी को गाँव घूमाने ले जा रहा हूँ, आपको कोई दिक्कत तो नहीं। दादी को चाचा की नियत के बारे में पता नहीं था इसलिए उन्होंने भी हाँ कर दी। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी रेडी हो गई, उन्होंने मुझसे कहा कि बेटा में चाचा जी के साथ घूमने जा रही हूँ, तुम दादी के पास ही रहना।में समझ गया कि आज ये लोग क्या करेंगे फिर मेरी मम्मी चाचा के साथ चली गई। में भी थोड़ी देर बाद दादी से खेलने का बहाना करके चाचा के घर पर चला गया, तभी मैंने देखा कि चाचा के घर का गेट बंद था, इसलिए में पीछे की खिड़की पर चला गया और वहाँ से अंदर की तरफ देखने लगा। मम्मी और चाचा बेड पर बैठे हुए थे और चाचा ने मेरी मम्मी को अपनी बाँहों में ले रखा था और दोनों लिप किस कर रहे थे।चाचा मेरी मम्मी के गुलाबी होठों को चूस रहे थे। कभी ऊपर की लिप को चूसते तो कभी नीचे के लिप को, मम्मी ने अपने हाथ पीछे ले जाकर चाचा की गर्दन को पकड़ रखा था और उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी उनके होंठ चूसने की आवाज़ मेरे कानो तक आ रही थी।Bookmark us for Kamasutra Kahaniअब मम्मी ने अपना हाथ चाचा की पेंट में डाल दिया, चाचा ने कहा अरे भाभी रुक जाओ इतनी जल्दी क्या है? ये कहकर चाचा ने अपनी पेंट खोलकर अपनी जांघो तक कर दी, चाचा का लंड पूरा मुरझाया हुआ था और बिल्कुल काला था।मेरी मम्मी ने अपने हाथों से चाचा के लंड को सहलाया, उधर चाचा मेरी मम्मी को चूमे जा रहे थे। थोड़ी देर बाद चाचा ने मेरी मम्मी का ब्लाउज का हुक खोल दिया और मेरी मम्मी के गोल गोल बूब्स को ब्रा के ऊपर से चूमने लगे। चाचा कभी मेरी मम्मी की छाती को चूमते, तो कभी मेरी मम्मी के बूब्स पर किस कर रहे थे।अब चाचा ने अपने सारे कपड़े खोल लिए। उन्होंने मेरी मम्मी को अपने बेड पर लिटा दिया। चाचा मेरी मम्मी के पेरों के पास आकर बैठ गये, उन्होंने मेरी मम्मी के एक पैर को उठा लिया और उनके तलवे पर किस करने लगे।मम्मी आआह्ह्ह की सिसकारीयां लेने लगी। अब मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था। चाचा मेरी मम्मी के तलवे को जीभ से चाट रहे थे। अब उन्होंने ने मेरी मम्मी की दोनों पायल खोल दी और पास में रख दी। अब धीरे धीरे चाचा ने मेरी मम्मी की साड़ी को उनकी जांघ तक उठा दिया और मेरी मम्मी के घुटने के नीचे वाले हिस्से को चूमने लगे, थोड़ी देर तक ऐसा ही चलता रहा।Bookmark us for Kamasutra Kahaniउधर मम्मी ने बेडशीट पकड़ रखा था और अपने होंठो को अपने दांतों से दबाए हुई थी। चाचा मम्मी की जाँघो को अपनी जीभ से चाट रहे थे, चूम रहे थे। अब चाचा मेरी मम्मी के ऊपर लेट गये उन्होंने मेरी मम्मी के होंठो पर किस किया और पूछा भाभी मज़ा आ रहा है क्या? मम्मी ने कुछ भी नहीं कहा, चाचा ने पूछा क्या हुआ? मम्मी ने कहा कि में ये सब नहीं कर सकती।तभी चाचा ने पूछा क्यों क्या हो गया? आपका मन था तभी तो आप मेरे साथ आई है। मम्मी ने कहा नहीं में शादीशुदा हूँ, हमारा एक बेटा है में ये नहीं कर सकती। चाचा ने कहा इसमें कुछ बुरा नहीं है। भाभी क्या शादीशुदा ओरतें सेक्स नहीं करती। प्लीज़ भाभी मान जाओ ना और वैसे भी ये बात सिर्फ़ मेरे और आपके बीच में रहेगी और चाचा मम्मी को किस करने लगे। उन्होंने मेरी मम्मी की ब्रा खोल दी।अब मेरी मम्मी की नंगे बूब्स चाचा के सीने से टकराने लगे, चाचा ने अपने दोनों हाथों से मम्मी के बूब्स को पकड़ लिया और दबाने लगे। मम्मी आआआअ सस्सस्स करने लगी। अब चाचा ने मम्मी के एक बूब्स को अपने हाथ से दबाना स्टार्ट किया और दूसरे को चूसने लगे। चाचा के होंठ निप्पल पर पड़ते ही मम्मी तिलमिला उठी और उनकी पीठ पूरी ऊपर हो गई।चाचा ने अपना हाथ पीछे ले जाते हुए मेरी मम्मी की पीठ को कसकर जकड़ लिया और मेरी मम्मी के निप्पल को चूसने लगे।Bookmark us for Kamasutra Kahaniवो कभी मम्मी की छाती को चूमते, तो कभी उनके निप्पल अपने होंठो से चूसते। मम्मी की रसभरी सिसकारियां मेरे कानो में सुनाई दे रही थी। तभी चाचा ने तकिया मेरी मम्मी की पीठ पर टिका दिया, जिससे मम्मी के बूब्स और तन गये। उधर चाचा ने मेरी मम्मी की साड़ी उठाकर कमर तक कर दी थी। अब चाचा ने मम्मी के पूरे बदन को चूमना स्टार्ट किया। वो मेरी मम्मी के पेट को चूमने लगे और अपना एक हाथ मेरी मम्मी की चूत के इधर उधर फेरने लगे।