नमस्ते, मेरा नाम अनीता है, मैं 28 वर्ष की हूँ ।ये मेरी पहली कहानी है जो बिल्कुल सत्य घटना पर आधारित है। अक्सर लोगो को लगता है लड़कियां इस तरह अपने बारे में सत्य नही बताती, और उनकी बात सही भी है, पर मैं अपने बारे में ये सत्य कैसे लिख रही हूं मेरी हिम्मत क्यो पड़ी ये आपको मेरी इस कहानी को पढ़ कर ही पता चल जाएगा। इस लिए आप इसे ध्यान से अंत तक पढ़े। (Antarvasna, Hindi sex story)मैं उत्तर प्रदेश बलिया की रहने वाली हूँ, मैं अमेठी में HAL में अप्रिंटिस शिप करती थी मेरे साथ रुचिका नाम की लड़की भी वही अप्रिंटिस शिप करती थी मेरी उससे बहुत अच्छी दोस्ती थी क्योकि मै उसके साथ ही रहती थी वो मुझसे सीनियर थी इस लिए मैं उनको दीदी बोलती थी मैं उनके घर लखनऊ भी कई बार जा चुकी थी और उनके घर पर मुझे बहुत अपना पन सा लगता था जैसे मेरा ही घर हो, उनके घर पर सबका व्यवहार भी बहुत शालीन था, इस लिए मुझे कोई दिक्कत नही होती थी, HAL में जॉब से पहले मैंने हॉस्टल में रहते हुए IT से इंजीनियरिंग की थी.वहाँ हॉस्टल में रहते हुए मैने खूब मस्ती की थी और उस समय हॉस्टल की लड़कियां मुझे ब्लू फिल्म दिखा देती थी और सेक्स की कहानियां भी पढ़ा देती थी तो उनके साथ मैं भी मज़े ले लेती थी, दोस्तो के साथ मैं जितना मस्ती कर पाती थी , उतना ही सामाजिक जीवन मे मैं बहुत शालीन थी। सामाजिक जीवन मे मुझमें कोई अवगुण नही था अन्य लड़कियों की तरह, न ही कोई लड़का मित्र था मेरा कभी। मैं एक स्थाई नौकरी चाहती थी अतः मैने HAL की अप्रिंटिशिप छोड़ दी और सरकारी नौकरी की तैयारी करने लगी, क्योकि नौकरी करते हुए पढ़ाई नही कर पा रही थी.Antarvasna Hindi sex story – देहाती चाची की जमके चुदाई कीरुचिका दीदी भी पारिवारिक समस्या के कारण लखनऊ वापस चली गईं थी। मैने बलिया में ही रह कर पार्टटाइम स्कूल में पढ़ना शुरूकर दिया और पढ़ाई करने लगी, मैं अक्सर परीक्षा केंद्र का चुनाव ज्यादातर लखनऊ ही चुनती थी, और रुचिका दीदी के यहाँ घर पर आराम से रुक जाया करती थी।उनके घर पर 4 लोग थे, दीदी मम्मी उनके बड़े भाई और एक छोटा भाई, उनके यहाँ सबका स्वभाव बहुत अच्छा था, सभी शालीन थे, खास तौर पर उनका छोटा भाई शिवांश बहुत ही भोला भला क्यूट सा था और सम्मान भी खूब करता था और शर्मिला भी था थोड़ा पर उससे बात करने पर खूब बात भी करता था वो स्नातक कर रहा था।वो संगीत सीखता था, गिटार के साथ बहुत अच्छा गाना गाता था। उसके साथ बात करने में बड़ा मजा आता था और उससे थोड़ा थोड़ा मज़ाक भी कर लेती थी मैं, पर कोई भद्दा मजाक कभी नही किया। एक समय की बात है कि मैने BDO का फॉर्म डाला था जिसका सेंटर लखनऊ में पड़ा, काफी समय हो गया था मैं रुचिका दीदी के यहां नही गई थी, मई के महीना था…मैने सोचा स्कूल में भी छुट्टी है पढ़ाने तो जाना नही है, तो हफ्ते भर दीदी के यहां रुक भी लूंगी। मैने अपना हफ्ते भर का सामान व कपड़े बैग में पैक कर लिया और घर मे बोल दिया कि 1 हफ्ते बाद आऊंगी रुचिका दीदी के यहाँ छुट्टी बिता लूंगी, घर वालो ने कहा ठीक है लखनऊ पहुँच कर कॉल कर देना। मैने कहा ठीक है।मैंने रुचिका दीदी को अपने आने की खबर नही दी मैने सोचा अचानक पहुंच कर दीदी को सरप्राइज दूंगी मैं शनवार की सुबह ही स्टेशन पहुंच गई और शाम होते होते लखनऊ पहुंच गई। रविवार को मेरा एग्जाम था।शाम 8 बजे मैं रुचिका दीदी के घर पहुंची मैने घर की घन्टी बजाई, अंदर से शिवांश बाहर आया और उसने गेट खोला उसने मुझे देख कर मुस्कुराते हुए कहा- अरे दीदी आप ? नमस्ते।मैने भी मुस्कुराते हुए उसे नमस्ते कहा और पूछा कैसे हो?उसने कहा ठीक हूँ दीदी आइये अंदर आइये।Antarvasna Hindi sex story – अजनबी लड़के ने टाँगें उठा कर चोदाउसने मेरा बैग ले लिया अपने हाथ मे और मुझे अंदर ले गया और बैग रख कर मुझसे बैठने को कहा और बोला आप बैठिए मैं अभी आता हूँ। घर मे काफी सन्नाटा था ऐसा लग रहा था कि घर पर शिवांश के सिवा कोई है नही। थोड़ी देर में वो पानी लेकर आया और मुझे बिस्कुट की प्लेट आगे करते हुए बोला लीजिये दीदी पानी पीजिए।मैने बिस्कुट उठाते हुए शिवांश से पूछा कोई है नही क्या बड़ा सन्नाटा है घर मे? शिवांश ने बताया कि भैया दीदी और मम्मी गांव गए हैं मामी की लड़की की शादी है। मैंने पूछा कब आएंगे? उसने कहा अगले सोमवार को यानी 1 हफ्ते बाद। मैंने कहा तुम नही गए? उसनेकहा हां मेरा कल ही पेपर था BA फाइनल ईयर का इस लिए नही गया फिर घर पे ताला भी लगाना पड़ता तो सब चले गए मैं यही हूँ। अब पेपर सब खत्म हो गए अब मैं खाली हो गया हूँ।तभी उसने पूछा आप किसी काम से आई हैं लखनऊ?मैने कहा हाँ कल रविवार को मेरा पेपर है।मैने सोचा था रुचिका दीदी को सरप्राइज दूंगी अचानक आकर पर यहां तो कोई है ही नही। शिवांश ने कहा अरे हम है न। मैने मुस्कुराते हुए उसे देखा।तभी उसने पूछा एग्जाम सेंटर कहा पड़ा है?मैने कहा जानकीपुरम, उसने पूछा समय क्या है?मैंने कहा 9 बजे की है सुबह 8 बजे एंट्री होगी 1 घंटे पहले बुलाया है।उसने कहा – मै आपको छोड़ दूंगा,मैने कहा अरे नही परेशान मत हो तुमको सब लोग घर की रखवाली करने छोड़ गए है, तुम घर पर ही रुकना मैं चली जाऊंगी।उसने कहा ठीक है।फिर उसने मेरा बैग देखते हुए कहा की दीदी बैग बहुत भारी है आपका कही और जाने का प्लान भी है क्या?मैने कहा नही मैने सोचा था छुट्टी हो गई है स्कूल में तो 1 हफ्ते यहां छुट्टी बिता लूँगी पर यहाँ कोई है ही नही अब क्या करूँ समझ नही आ रहा ।उसने कहा दीदी अब आईं है आप इतना भारी बैग ले कर फिर वापस बलिया इतने जल्दी जाएंगी? अब कुछ दिन रहिए मैं तो यहीकहूंगा बाकी आपकी मर्जी,मैने कहा देखते है पहले एग्जाम दे लूं फिर बताती हूँ क्या करना है।फिर उससे इधर उधर की बातें हुईं फिर वो बोला की दीदी खाना बनाना है मैं जरा तैयारी करता हूँ खाने की।मैने कहा अरे मैं आ गई हूं तो तुम क्यो परेशान होगे मैं बना देती हूं। तुम बस किचन में समान बता दो कहा क्या है।मैने कहा खिचड़ी बना दूँ चलेगा?उसने कहा हां हां बिल्कुल।मैंने फटा फट खिचड़ी बना दी। और शिवांश से कहा चलो खाना बन गया चलो खाते है।हम लोगो ने खाना खाया और TV पर समाचार देखा, फिर 10 बजे तक हम सोने के लिए तैयार हो गए, मैंने ढीला ढाला सा अपना एक टॉप पहन लिया और लोवर पहन ली।Antarvasna Hindi sex story – ससुराल में तीन लंड और मैं अकेलीशिवांश ने कहा आप कूलर वाले कमरे में सो जाइये मैं पीछे कमरे में सो जाता हूँ, मैंने उसका भोला पन देख कर कहा अरे नही गर्मी में क्यो लेटोगे? तुम भी इसी कूलर वाले कमरे में सो जाओ,कूलर के कमरे में 2 तखत सटे हुए लगे हुए थे। एक तखत पर शिवांश लेट गया एक पर मैं। थोड़ी देर बाद मुझे नींद आ गई और सुबह कब हुई पता ही नही चला मैं सुबह 5.30 पर उठ गई मैने नहाया और तैयार हो गई 6.30 पर शिवांश भी उठ गया मैने उससे कहा ब्रेड ले आओ चाय बना दूँ, वो ब्रेड ले आया फिर मैंने ब्रेड में मक्ख़न लगाया और चाय बनाई,